सावधान: Paracetamol समेत वो दवाएं क्वालिटी टेस्ट में हुईं फेल जिसे लोग अक्सर खा लेते हैं

CDSCO ने पैरासिटामौल समेत कई दवाओं को क्वालिटी टैस्ट में फेल कर दिया है. आइए जानते हैं उन फेल की हुई दवाओं का नाम जिन्हें सिर दर्द, पेट दर्द के दौरान खा लेते हैं.

Paracetamol (Representative Image)

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शुभम गुप्ता

26 Sep 2024 (अपडेटेड: 26 Sep 2024, 12:21 PM)

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Paracetamol: भारत के ड्रग रेगुलेटर द्वारा किए गए क्वालिटी टेस्ट में 53 दवाएं फेल हो गई हैं. इनमें पैरासिटामोल(Paracetamol), कैल्शियम(Calcium), विटामिन D3 सप्लीमेंट्स, एंटी डायबिटीज पिल्स और हाई ब्लड प्रेशर की दवाओं के नाम शामिल हैं. सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) ने अपनी मंथली ड्रग अलर्ट लिस्ट में इन दवाओं को ‘नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी’ (NSQ) घोषित किया है. ये अलर्ट राज्य ड्रग ऑफिसर्स द्वारा किए गए रैंडम सैंपलिंग के आधार पर जारी किए जाते हैं.

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फेल होने वाली दवाओं के नाम

इन मेडिसिन्स में विटामिन C और D3 की गोलियां, विटामिन B कॉम्प्लेक्स, एंटी डायबिटिक पिल्स, पैरासिटामोल 500MG टैबलेट्स, ग्लिमेपिराइड और हाई ब्लड प्रेशर की दवा टेल्मिसर्टन जैसी बाजार में सबसे ज्यादा बिकने वाली दवाएं शामिल हैं. रिपोर्ट के अनुसार, ये दवाइयां हेटेरो ड्रग्स, एल्केम लैबोरेटरीज, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लिमिटेड (HAL), कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड, मेग लाइफसाइंसेज और प्योर एंड क्योर हेल्थकेयर जैसी कंपनियों द्वारा बनाई गई थीं.

एंटीबायोटिक्स भी फेल

स्टमक इंफेक्शन के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मेट्रोनिडाजोल भी इस क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गई. इसे हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लिमिटेड बनाती है. इसके अलावा, टोरेंट फार्मास्यूटिकल्स द्वारा डिस्ट्रीब्यूट की जाने वाली शेल्कल और हैदराबाद स्थित हेटेरो द्वारा बनाई गई सेपोडेम एक्सपी 50 ड्राई सस्पेंशन को भी घटिया मानक का बताया गया है. ये दवाई गंभीर बैक्टीरियल इंफेक्शन से जूझ रहे बच्चों के इलाज के लिए होती हैं.

नकली मेडिसिन का खतरा

कोलकाता की एक ड्रग टेस्टिंग लैब ने एल्केम हेल्थ साइंस के एंटीबायोटिक्स क्लैवम 625 और PAN D को नकली माना है. कंपनियों ने इन दवाओं की जिम्मेदारी लेने से इनकार करते हुए कहा कि ये नकली प्रोडक्ट्स हैं. CDSCO ने इनकी आगे जांच करने का भी संकेत दिया है.

हाल ही में CDSCO ने अगस्त में 156 से अधिक फिक्स्ड-डोज ड्रग कॉम्बिनेशन पर भी प्रतिबंध लगाया था, जिनमें बुखार, पेनकिलर और एलर्जी की दवाएं शामिल थीं. इनसे लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ने की संभावना जताई गई थी. अब जान लेते हैं क्या है CDSCO.

क्या है CDSCO?

इंडियन ड्रग्स रेगुलेटर, सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO), देश में मेडिसिन, इलाज के उपकरणों और कॉस्मेटिक्स के नियमन और क्वालिटी मानकों के लिए जिम्मेदार प्रमुख ऑर्गिनाइजेशन है. यह संस्था भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन काम करती है और देश में उपलब्ध दवाओं, चिकित्सा उपकरणों और कॉस्मेटिक्स की सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक नियम और मानक तय करती है.

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