अमेरिका के उपराष्ट्रपति J.D. वैंस अपनी चार दिवसीय यात्रा पर भारत आए हुए हैं. दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर सेरेमोनियल गार्ड ऑफ ऑनर के साथ उनका भव्य स्वागत किया गया. इस दौरान उनके साथ उनकी पत्नी उषा वैंस और तीन बच्चों विवेक, इवान और मैरिबेल भी साथ आए हुए हैं. कैबिनेट मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत किया.
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उषा का भारतीय कनेक्शन
आपको बता दें कि उषा राधाकृष्ण चिलुकुरी और लक्ष्मी चिलुकुरी की बेटी हैं, जो आंध्र प्रदेश के एक वडलुरु गांव से ताल्लुक रखती हैं. उषा की परवरिश अमेरिका में ही हुई है. लेकिन, उनकी जड़ें भारत से जुडी हुई हैं. उषा और जेडी की मुलाकात येल यूनिवर्सिटी में लॉ की पढ़ाई के दौरान हुई और धीरे-धीरे दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ी और प्यार होने लगा. इसके बाद दोनों ने 2014 में शादी कर ली. उषा अमेरिका में एक अनुभवी वकील हैं.
भगवान का लिया आशीर्वाद
वैंस और उनका पूरा परिवार पालम एयरपोर्ट से सीधा नई दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर रवाना हुआ. यहां उन्होंने पूरे के परिवार ने लगभग 1 घंटे तक मंदिर की कला, संस्कृति और भारत के कल्चर को करीब से महसूस करने की कोशिश की. अक्षरधाम स्पोक्सपर्सन राधिका शुक्ला के अनुसार, मंदिर के स्थापत्य ने उनका दिल छू लिया.
उन्होंने स्वामीनारायण भगवान के चरणविंद का आशीर्वाद लिया और फिर गर्भगृह में जाकर विश्व शांति के लिए प्रार्थना की. विजिट के बाद वैंस ने कहा, "यह यात्रा आस्था, शांति और एकता के सजग मूल्यों का प्रतीक है." उन्होंने पूरे मंदिर स्टाफ का भव्य तरीके से स्वागत करने के लिए दिल से आभार व्यक्त किया.
उषा ने मुझे शाकाहारी बना दिया - JD
JD अपनी बेस्टसेलिंग किताब 'हिलबिली एलेजी' में लिखते हैं कि उषा की वजह से मैं रूरल अमेरिका से जुड़ पाया हूं और मेरी जीवन की सभी चॉइसेज में उषा की अहम भूमिका रही है. इसमें शाकाहारी भी शामिल है. उन्होंने कहा, उषा ने मुझे शाकाहारी बना दिया है और मुझे हिंदू दर्शन भी सिखा दिया है. दोनों की हिंदू धर्म में अटूट आस्था है. यही वजह है कि उषा और JD की शादी में हिंदू रीति-रिवाज अपनाए गए थे. वे दीवाली को भी परिवार के साथ बड़े धूमधाम से मनाते हैं.
कई मुद्दों पर हो सकती है चर्चा
गौरतलब है कि हाल ही में अमेरिका ने मुंबई टेरर अटैक के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को भारत को सौंप है, जो दोनों देशों के रिश्ते में नई मजबूती को दर्शाता है. अब ये मीटिंग ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका ने पूरी दुनिया के खिलाफ टैरिफ वॉर छेड़ी हुई है. एक और जहां उसने चीन पर 245% टैरिफ लगाया हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ भारत सहित अन्य देशों पर 3 महीने के लिए टैरिफ पर रोक लगाई है.
ऐसे में माना जा रहा है कि उनकी इस यात्रा के दौरान व्यापार से लेकर इंडियन ओसियन तक चीन की बढ़ती दादागिरी के ऊपर दोनों देश साझा रणनीति के तहत सिक्योरिटी प्लानिंग कर सकते हैं. इसके अलावा रूस-यूक्रेन युद्ध, बांग्लादेश सुरक्षा जैसे मुद्दे भी जोर-शोर से उठाए जाने की उम्मीद है.
इनपुट : रोहन रावत (इंटर्न)
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