Jharkhand News: झारखंड ने स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है. 19 जून 2025 को झारखंड सरकार और नीति अनुसंधान संस्था स्वानिति इनिशिएटिव्स के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए गए. यह समझौता राज्य को स्वच्छ ऊर्जा और कम कार्बन उत्सर्जन की दिशा में देश का पहला ‘चैंपियन स्टेट’ बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा. इस पहल से न केवल झारखंड का विकास होगा, बल्कि यह राष्ट्रीय स्तर पर भी एक मिसाल कायम करेगा.
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‘एनर्जी ट्रांजिशन रेडीनेस इंडेक्स’ की शुरुआत
इस समझौते के तहत झारखंड में ‘एनर्जी ट्रांजिशन रेडीनेस इंडेक्स फ्रेमवर्क’ तैयार किया जाएगा. यह फ्रेमवर्क 2030 तक टिकाऊ विकास लक्ष्यों (SDGs) को हासिल करने में मदद करेगा. इसका उद्देश्य स्वच्छ और सुरक्षित ऊर्जा को बढ़ावा देना, कार्बन उत्सर्जन को कम करना और सभी विभागों को एकजुट कर लक्ष्य-आधारित योजनाओं को लागू करना है. यह फ्रेमवर्क झारखंड को ऊर्जा परिवर्तन के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
स्वच्छ ऊर्जा के लिए व्यापक दृष्टिकोण
समारोह में योजना एवं विकास मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा, “स्वच्छ ऊर्जा, डिकर्बोनाइजेशन और टिकाऊ ऊर्जा अब केवल तकनीकी शब्द नहीं, बल्कि विकास का आधार हैं.” उन्होंने योजना एवं विकास विभाग को ‘मदर ऑफ ऑल डिपार्टमेंट्स’ बताते हुए कहा कि यह विभाग राज्य के समग्र विकास की नींव है. स्वानिति इनिशिएटिव्स की प्रतिनिधि मेघा भट्टाचार्य ने इस फ्रेमवर्क की जरूरत और इसके लाभों पर प्रकाश डाला.
विभागों के बीच समन्वय पर जोर
योजना एवं विकास विभाग के सचिव प्रेमशेखर ने बताया कि यह साझेदारी न केवल ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव लाएगी, बल्कि अन्य विभागों के साथ मिलकर योजनाओं को लागू करने में भी मदद करेगी. यह फ्रेमवर्क नीति निर्माण में समन्वय बढ़ाएगा और क्लाइमेट-फ्रेंडली योजनाओं को प्राथमिकता देगा.
समारोह में शामिल हुए वरिष्ठ अधिकारी
रांची के योजना भवन में आयोजित इस समारोह में MOU पर योजना एवं विकास विभाग के संयुक्त सचिव विनोद यादव और स्वानिति इनिशिएटिव्स की ट्रस्टी मेघा भट्टाचार्य ने हस्ताक्षर किए. इस मौके पर विशेष सचिव जितेंद्र नाथ सहित विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
झारखंड बनेगा रोल मॉडल
यह समझौता झारखंड को ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. ‘एनर्जी ट्रांजिशन रेडीनेस इंडेक्स’ न केवल राज्य के विकास को गति देगा, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी झारखंड को एक सकारात्मक पहचान दिलाएगा. यह पहल पर्यावरण संरक्षण और टिकाऊ विकास के लिए झारखंड की प्रतिबद्धता को दर्शाती है.
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