केरल के स्कूलों में जुम्बा पर विवाद: सरकार के फिटनेस प्रोग्राम को लेकर मुस्लिम संगठनों ने जताई आपत्ति, जानिए क्या है पूरा मामला

Kerala Zumba Dance Controversy: केरल के स्कूलों में शुरू की गई जुम्बा क्लासेस विवादों में आ गई है. राज्य सरकार ने ड्रग्स के खिलाफ अभियान के तहत इस पहल की शुरूआत की थी. लेकिन अब कुछ मुस्लिम संगठनों ने इसका विरोध कर रहे हैं.

Kerala Zumba Dance Controversy
तस्वीर: इंडिया टुडे

न्यूज तक

30 Jun 2025 (अपडेटेड: 30 Jun 2025, 01:11 PM)

follow google news

Kerala Zumba Dance Controversy: केरल के स्कूलों में नशे के खिलाफ शुरू किया गया एक अभियान इन दिनों सुर्खियों में है. इस पहल के तहत राज्य सरकार ने स्कूलों में ड्रग्स विरोधी अभियान के हिस्से के रूप में जुम्बा क्लासेस शुरूआत की थी. लेकिन अब कुछ मुस्लिम संगठन इस पहल को संस्कृति और नैतिकता के खिलाफ बताते हुए इसका विरोध कर रहे हैं. जबकि सरकार का मानना है कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ बनाना है. ऐसे फिटनेस कार्यक्रम बच्चों को सक्रिय और अनुशासित बनाते हैं.

Read more!

कुछ मुस्लिम संगठनों ने जताई कड़ी आपत्ति

हालांकि, राज्य के कुछ मुस्लिम संगठनों ने इस पहल पर तीखा विरोध दर्ज कराया है। उनका कहना है कि लड़के-लड़कियों का एकसाथ डांस करना और वो भी कथित तौर पर 'कम कपड़ों' में, इसे बिल्कुल स्वीकार नहीं किया जाएगा.  विजडम इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन' के महासचिव और टीचर टी. के. अशरफ ने इसे लेकर फेसबुक पर एक पोस्ट लिखा. इसमें उन्होंने कहा,

'मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकता और न ही मैं और मेरा बेटा इन सेशन्स में भाग लेंगे.'

वहीं, एक और संगठन 'समस्ता' (एक प्रमुख मुस्लिम संगठन) के नेता नसर फैज़ी कूड़ाथाय इस अभियान के विरोध में उतर गए. उन्होंने फेसबुक पर लिखा, 

'केरल सरकार ने स्कूलों में जुम्बा डांस लागू किया है. जुम्बा एक ऐसा डांस है जिसमें कम कपड़ों में एकसाथ डांस किया जाता है. अगर सरकार ने इसे बड़े बच्चों के लिए भी अनिवार्य किया है, तो यह आपत्तिजनक होगा. मौजूदा शारीरिक शिक्षा को सुधारने के बजाय अश्लीलता थोपना ठीक नहीं. यह उन छात्रों की निजी स्वतंत्रता और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है, जिनका मॉरल सेंस उन्हें इस तरह गुस्सा निकालने और साथ नाचने की इजाजत नहीं देता.'

सरकार ने क्या कहा?

इसके जवाब में राज्य के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने जुम्बा क्लास में हिजाब पहनकर आई छात्राओं का एक वीडियो फेसबुक पर साझा किया. इसमें उन्होंने लिखा, 

'बच्चों को खेलने, हंसने, मस्ती करने और स्वस्थ रूप से बड़ा होने दो.' उन्होंने आगे कहा, 'ऐसी आपत्तियां समाज में उस जहर से भी ज्यादा खतरनाक जहर घोलेंगी जो नशे से फैलता है. कोई भी बच्चों को कम कपड़े पहनने के लिए नहीं कह रहा है. बच्चे स्कूल यूनिफॉर्म में ही ये एक्टिविटी कर रहे हैं. केरल जैसे समाज में, जहां लोग सामूहिक सौहार्द से रहते हैं, ऐसी आपत्तियां बहुसंख्यक सांप्रदायिकता को बढ़ावा देंगी.'

बीजेपी का बयान भी आया सामने

बीजेपी नेता वी. मुरलीधरन ने कहा कि 

'किसी धार्मिक संगठन की ओर से जारी किया गया फतवा, यह तय करने का मापदंड नहीं होना चाहिए कि एजुकेशन डिपार्टमेंट जुम्बा के पक्ष में है या विरोध में. सरकार को आम जनता के विचारों और छात्रों के कल्याण को प्राथमिकता देनी चाहिए.'

क्या होता है जुम्बा?

जुम्बा एक लोकप्रिय फिटनेस वर्कआउट है जो डांस और एरोबिक्स का मिश्रण है. यह व्यायाम का एक ऐसा तरीका है जिसमें लोग मस्ती और लय के साथ शारीरिक रूप से सक्रिय रहते हैं. वजन कम करने और फिट रहने के लिए दुनियाभर में इसे अपनाया जा रहा है. इसकी शुरुआत 1990 के दशक में हुई थी और आज यह एक ग्लोबल फिटनेस ट्रेंड बन चुका है.

ये भी पढ़ें: 1 जुलाई से बदल जाएंगे रेल यात्रा के कई नियम, जानिए टिकट बुकिंग से लेकर किराए तक की नई गाइडलाइंस

    follow google newsfollow whatsapp