Kumbh Mela Stampede: महाकुंभ में मौनी अमावस्या के स्नान के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी, जिसके बाद संगम नोज पर क्राउड मैनेजमेंट फेल हो गया. इस वजह से भगदड़ मच गई. जिससे 10 श्रद्धालुओं की मौत हो गई. आखिर कुंभ मेले में भगदड़ कैसे मची, इसकी बड़ी और चौंकाने वाली वजह सामने आई है?
ADVERTISEMENT
दरअसल, रात 10:00 बजे से ही लोग संगम नोज पर बड़ी संख्या में जुटने लगे थे. प्रशासन की मंशा थी कि लोग आएं, पवित्र स्नान करें और व्यवस्थित तरीके से वापस चले जाएं. लेकिन, श्रद्धालु अमृत बेला (शुभ समय) में स्नान करना चाहते थे, जिससे भीड़ बढ़ गई. यही नहीं, मौनी अमावस्या के अवसर पर सभी ने संगम नोज पर ही स्नान करना पसंद किया. नतीजतन, भीड़ बढ़ती गई. मौनी अमावस्या स्नान के लिए विशेष रूप से आए कई श्रद्धालु बैरिकेड्स के पास प्लास्टिक शीट पर लेट गए और अपनी बारी का इंतजार करने लगे.
एक रास्ता रिजर्व था, फिर भी एक जगह पर बढ़ती रही भीड़
प्रशासन ने विभिन्न अखाड़ों के लिए अमृत स्नान के लिए एक समर्पित मार्ग भी आरक्षित किया था, जो सुबह 5:00 बजे शुरू होना था. लेकिन, 1:00 बजे तक, निर्धारित स्नान क्षेत्र में लोगों की संख्या क्षमता से अधिक हो गई थी. पुलिस ने बैरिकेड्स का उपयोग करके भीड़ को नियंत्रित करने की योजना बनाई थी, ताकि स्नान क्षेत्र में आने-जाने वालों की नियंत्रित आवाजाही सुनिश्चित हो सके.
लेकिन, 1:45 बजे से 2:00 बजे के बीच, भीड़ बेकाबू हो गई, और कई लोग संगम की ओर भागने के लिए बैरिकेड्स को पार करने लगे. ऐसा करते हुए, उन्होंने आस-पास सो रहे परिवारों को कुचलते हुए निकल गए. जैसे ही लोग आगे बढ़े, एक लकड़ी का बैरियर गिर गया, जिससे भगदड़ मच गई. भीड़ लगतार बढ़ती रही.
अनियंत्रित भीड़ को पुलिस और प्रशासन रोक नहीं पाई, जिससे वह दूसरों को रौंदने लगी, इससे लोगों को चोटें आईं और ज्यादा संख्या में लोग हताहत हुए.घटना के पाँच मिनट के भीतर एम्बुलेंस पहुँची और घायलों को अस्पताल पहुँचाना शुरू किया.
महाकुंभ भगदड़: अब तक क्या-क्या हुआ, आगे क्या होगा?
-महा कुंभ में भारी भीड़ के कारण संगम नोज़ इलाके में देर रात भगदड़ मच गई। शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार, अफवाह और धक्का-मुक्की के चलते हालात बिगड़ गए। इस हादसे में कई श्रद्धालु घायल हुए, जबकि कुछ लोगों के लापता होने की खबर भी है.
-घटना के तुरंत बाद पुलिस और प्रशासनिक टीमें मौके पर पहुंचीं। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया. वहीं, लापता लोगों की तलाश के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं.
-प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया है. ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी बढ़ाई गई है. इसके अलावा, बैरिकेडिंग को और मजबूत किया गया है ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके.
- भगदड़ की घटना पर विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा है. कांग्रेस और सपा ने प्रशासन की लापरवाही का आरोप लगाया, जबकि सरकार ने भरोसा दिलाया कि सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी.
- प्रशासन अब श्रद्धालुओं की एंट्री को नियंत्रित करने के लिए टाइम स्लॉट सिस्टम लागू करने पर विचार कर रहा है. भीड़ प्रबंधन के लिए और अधिक वॉलंटियर्स तैनात किए जाएंगे. साथ ही, अगले शाही स्नान के दौरान सख्त सुरक्षा व्यवस्था लागू करने की योजना बनाई जा रही है.
ADVERTISEMENT