मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला, देश में होगी जाति जनगणना, पूर्वोत्तर के लिए भी बड़ा ऐलान

Modi Cabinet Decision on Caste Census: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार सुबह 11 बजे केंद्रीय कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक हुई. बैठक के बाद, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि केंद्र सरकार ने देश में जाति जनगणना कराने का निर्णय लिया है.    

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Modi Cabinet Decision on Caste Census: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार सुबह 11 बजे केंद्रीय कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक हुई. बैठक के बाद, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि केंद्र सरकार ने देश में जाति जनगणना कराने का निर्णय लिया है. इससे पहले 1931 में आखिरी बार जाति जनगणना हुई थी.    

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अश्विनी वैष्णव ने इस दौरान कहा कि मनमोहन सिंह ने जरूर जाति जनगणना की बात कही थी, लेकिन कांग्रेस ने इसे केवल अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल किया. वैष्णव ने स्पष्ट किया कि जाति जनगणना कराना केवल केंद्र सरकार का अधिकार है.    

उन्होंने बताया कि कुछ राज्यों ने पहले भी जाति जनगणना कराई है और केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि इससे देश का सामाजिक ताना-बाना प्रभावित न हो. उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने फैसला किया है कि जाति जनगणना, मूल जनगणना में ही शामिल होगी.    

पूर्वोत्तर में कनेक्टिविटी बढ़ाने पर जोर

कैबिनेट बैठक में पूर्वोत्तर में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए भी एक बड़ा फैसला लिया गया. मोदी कैबिनेट ने शिलॉन्ग से सिलचर (मेघालय-असम) तक एक हाईस्पीड कॉरिडोर बनाने की मंजूरी दी है. यह कॉरिडोर 166 किलोमीटर लंबा होगा और इसे 6 लेन का बनाया जाएगा. सरकार का कहना है कि यह कॉरिडोर पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा. इस परियोजना पर 22 हजार 864 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है.    

पिछली कैबिनेट बैठकें

अश्विनी वैष्णव ने यह भी जानकारी दी कि पिछले हफ्ते केंद्रीय मंत्रिमंडल की कोई बैठक नहीं हुई थी. हालांकि, 23 अप्रैल को कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की समिति (CCS) की बैठक हुई थी, जिसमें आतंकवादी हमले की निंदा की गई थी.    

इसके अलावा, 9 अप्रैल को हुई कैबिनेट की बैठक में तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में 1332 करोड़ रुपये की लागत वाली एक रेल परियोजना को मंजूरी दी गई थी. इस परियोजना में तिरुपति से कटपडी तक 104 किलोमीटर की सिंगल रेलवे लाइन को डबल लाइन में बदलने का काम शामिल है. सरकार का कहना है कि इससे तिरुमला वेंकटेश्वर मंदिर और अन्य महत्वपूर्ण स्थलों तक रेल कनेक्टिविटी बेहतर होगी.    

 

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