Modi या Rahul...जातीय जनगणना का असली हीरो कौन? C- वोटर के सर्वे में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

Caste Census in India: सरकार के जातीय जनगणना ऐलान के बाद अब इसके क्रेडिट लेने की होड़ मची हुई है. जहां एक ओर विपक्ष इसे अपनी जीत मान रहा है, तो वहीं सत्तापक्ष इसे सरकार नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता का दावा कर रहा है। अब राजनीतिक माहौल और सामाजिक उम्मीदों के बीच तनाव बढ़ रहा है

तस्वीर: इंडिया टुडे

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न्यूज तक

• 07:27 PM • 16 May 2025

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केंद्र सरकार ने हाल ही में देशभर में जातीय जनगणना कराने का फैसला किया है, जिसे आगामी जनगणना के साथ ही कराया जाएगा. इस फैसले की घोषणा करते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस कदम से सामाजिक और आर्थिक समानता को बढ़ावा मिलेगा. इस ऐलान के बाद अब राजनीतिक दलों के बीच इसे लेकर क्रेडिट वॉर शुरू हो गया है. एक ओर जहां विपक्ष इस फैसले को अपनी जीत बता रहा है, तो सत्तापक्ष इसे मोदी सरकार की दूरदर्शिता कह रहा है. आपको बता दें कि जातीय जनगणना की मांग विपक्षी दल लंबे समय से कर रहे थे. अब इसे लेकर C-वोटर ने एक सर्वे किया है, जिसमें लोगों से इस विषय पर अलग-अलग सवाल पूछे गए. जानिए सर्वे में क्या क्या सवाल पूछे गए.

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जातीय जनगणना के समर्थन में है लोग?

सर्वे के दौरान C वोटर ने जब लोगों से पूछा कि क्या वो जातीय जनगणना का समर्थन करते हैं तो इस पर 74% लोगों ने जातीय जनगणना का सपोर्ट किया, जबकि केवल 13% ने इसका विरोध किया. इससे पता लगता है कि जातीय जनगणना के मुद्दे पर ज्यादातर लोग एकमत हैं और वो इसका सपोर्ट करते हैं.

जाति बताने को तैयार हैं लोग?

जब सर्वे के दौरान लोगों से पूछा गया कि क्या वे अपनी जाति बताने को तैयार हैं, तो 63% लोगों ने इस पर हां कहा. जबकि, सिर्फ 6% ने अपनी जाति बताने से मना किया. वहीं, जबकि 18% ने कहा कि वे अपनी जाति तभी बताएंगे जब इसकी जरुरत होगी. इससे पता चलता है कि अधिकतर लोग अपनी जाति बताने के लिए तैयार हैं.

किसे होगा फायदा?

C वोटर के सर्वे के दौरान एक सवाल किया गया कि जातीय जनगणना से किसे फायदा होगा, तो इस सवाल पर 16% लोगों का मानना है कि इससे अनुसूचित जाति (SC) को सबसे अधिक लाभ होगा, 8% ने अनुसूचित जनजाति (ST) का समर्थन किया, 14% ने अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को लाभार्थी बताया, जबकि 12% का मानना है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को फायदा होगा. कुल मिलाकर, 36% उत्तरदाताओं का मानना है कि जातीय जनगणना से सभी समुदायों को लाभ होगा.

किसे मिलना चाहिए क्रेडिट?

जातीय जनगणना का क्रेडिट किसे मिलना चाहिए, इस पर भी लोगों की राय विभाजित दिखी. सर्वेक्षण में 43% उत्तरदाताओं ने इस पहल का श्रेय वर्तमान मोदी सरकार को दिया, जबकि 33% ने राहुल गांधी को इसका श्रेय दिया. यह आंकड़ा इस मुद्दे पर राजनीतिक ध्रुवीकरण को दर्शाता है.

50% आरक्षण की लिमिट होगी खत्म?

क्या जातीय जनगणना से 50% आरक्षण की लिमिट खत्म होगी, तो इस सवाल पर 38% उत्तरदाताओं ने हां में जवाब दिया. वहीं, 17% का मानना है कि ऐसा नहीं होगा, जबकि 28% का मानना है कि इस पर राजनीतिक सहमति बनाना आवश्यक होगा. यह दिखाता है कि लोग अभी भी इस बात को लेकर उलझन में हैं कि जातीय जनगणना से आरक्षण की सीमा पर क्या असर पड़ेगा.

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