कैब सर्विस महंगी..निजी बाइक टैक्सी को मिली हरी झंडी, सरकार की नई MVAG 2025 गाइडलाइन जारी

MVAG 2025: अब अगर आप पीक ऑवर्स में कैब बुक करने की सोच रहे हैं, तो आपकी जेब पर ज्यादा असर पड़ सकता है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 1 जुलाई 2025 को मोटर व्हीकल एग्रीगेटर गाइडलाइन (MVAG) 2025 जारी कर दी है.

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न्यूज तक

02 Jul 2025 (अपडेटेड: 02 Jul 2025, 10:57 AM)

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MVAG 2025: अब अगर आप पीक ऑवर्स में कैब बुक करने की सोच रहे हैं, तो आपकी जेब पर ज्यादा असर पड़ सकता है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 1 जुलाई 2025 को मोटर व्हीकल एग्रीगेटर गाइडलाइन (MVAG) 2025 जारी कर दी है. इस नयी नीति के मुताबिक, कैब कंपनियां अब बेस फेयर से दोगुना तक किराया वसूल कर सकेंगी.

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अब तक कैब एग्रीगेटर कंपनियां, जैसे उबर और ओला, पीक टाइम में बेस फेयर के 1.5 गुना तक ही सर्ज प्राइस लगा सकती थीं. मगर नई गाइडलाइन में इस सीमा को बढ़ाकर 2 गुना कर दिया गया है. इसका सीधा मतलब है - ट्रैफिक के समय कैब लेना अब आपको पहले से ज्यादा भारी पड़ सकता है.

राज्यों को दी गई 3 महीने की मोहलत

मंत्रालय ने सभी राज्यों से कहा है कि वे अगले तीन महीनों के अंदर इस गाइडलाइन को लागू करें. सरकार का मानना है कि रिवाइज्ड फेयर स्ट्रक्चर से कंपनियों को ज्यादा लचीलापन मिलेगा और ऑपरेशन सिस्टम बेहतर होगा.

उबर की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि वे सरकार के इस प्रयास का स्वागत करते हैं. कंपनी ने कहा, "नई गाइडलाइन से डिजिटल मोबिलिटी सेक्टर को स्पष्ट दिशा मिलेगी. हम सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं."

बाइक राइडिंग को भी मिली मंजूरी

MVAG 2025 गाइडलाइन की एक बड़ी बात यह है कि इसमें निजी बाइक्स को भी कमर्शियल इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी गई है. यानी अब निजी मोटरसाइकिलों को भी आप बाइक टैक्सी सर्विस देने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं, हालांकि इसके लिए राज्य सरकार की मंजूरी के बाद ही इसे इस्तेमाल कर सकते हैं.

गाइडलाइन के क्लॉज 23 के अनुसार, राज्य सरकारें एग्रीगेटर कंपनियों से इन बाइक्स के लिए दैनिक, साप्ताहिक या पाक्षिक शुल्क ले सकती हैं.

बाइक टैक्सी सेवा देने वाली कंपनियों जैसे रैपिडो और उबर मोटो ने इस फैसले का स्वागत किया है. खासतौर पर ऐसे राज्यों में जहां अब तक इन सेवाओं को लेकर स्पष्टता नहीं थी. रैपिडो ने बयान जारी कर इसे "विकसित भारत की दिशा में ऐतिहासिक कदम" बताया.

कर्नाटक जैसे राज्यों में राहत

कर्नाटक जैसे राज्य, जहां बाइक टैक्सी सेवाओं पर प्रतिबंध लगा हुआ था और बार-बार विरोध प्रदर्शन होते रहे, वहां इस गाइडलाइन से अब स्पष्ट दिशा मिलेगी. यह नियम ना सिर्फ यात्रियों के लिए राहत लाएगा, बल्कि सेवा प्रदाताओं के लिए भी काम को आसान बनाएगा.

क्यों जरूरी हैं ये बदलाव?

MVAG 2025, 2020 में जारी हुई गाइडलाइन की जगह लेगा. सरकार का कहना है कि इस बदलाव से आम लोगों की दैनिक यात्रा सुगम और किफायती हो सकेगी. खासतौर पर बाइक टैक्सी को मंजूरी देकर लास्ट-माइल कनेक्टिविटी बेहतर की जा सकेगी, जिससे ट्रैफिक और प्रदूषण भी कम करने में मदद मिलेगी.

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