भारत में कोरोना के नए वेरिएंट NB.1.8.1 और LF.7 ने बढ़ाई चिंता, राज्यों को अलर्ट पर रहने के निर्देश

देश में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट्स की एंट्री ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है. NB.1.8.1 और LF.7 नामक कोविड के नए सबवेरिएंट्स की पहचान हुई है, जिनके मामले तमिलनाडु और गुजरात में मिले हैं.

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न्यूज तक

• 01:26 PM • 25 May 2025

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देश में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट्स की एंट्री ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है. NB.1.8.1 और LF.7 नामक कोविड के नए सबवेरिएंट्स की पहचान हुई है, जिनके मामले तमिलनाडु और गुजरात में मिले हैं. इंडियन सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के ताजा आंकड़ों में इसका खुलासा हुआ है. दिल्ली, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भी कोरोना के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है.

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नए वेरिएंट्स की पहचान

INSACOG के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में तमिलनाडु में NB.1.8.1 का एक मरीज पाया गया था, जबकि गुजरात में मई में LF.7 के चार केस दर्ज किए गए हैं. ये नए वेरिएंट्स अब स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए चुनौती बन सकते हैं.

WHO की निगरानी 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने NB.1.8 और LF.7 को फिलहाल 'वेरिएंट्स अंडर मॉनिटरिंग' की श्रेणी में रखा है. इसका मतलब है कि ये अभी तक 'वेरिएंट्स ऑफ कंसर्न' या 'वेरिएंट्स ऑफ इंटरेस्ट' नहीं हैं, लेकिन चीन और एशिया के कुछ अन्य हिस्सों में कोविड मामलों में हो रही वृद्धि के पीछे इन्हीं वेरिएंट्स का हाथ माना जा रहा है. भारत में अभी सबसे ज्यादा प्रचलित वेरिएंट JN.1 है, जो सभी टेस्ट किए गए सैंपलों में 53 प्रतिशत है.

सरकार की तैयारी

NB.1.8.1 की स्पाइक प्रोटीन में पाए गए म्यूटेशन (जैसे A435S, V445H और T478I) इसके ज्यादा तेजी से फैलने और प्रतिरक्षा प्रणाली से बचने की क्षमता की ओर इशारा करते हैं. हालांकि, WHO की प्राथमिक जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट के अनुसार, इस वेरिएंट से वैश्विक स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य को फिलहाल कम जोखिम है.

हाल ही में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (DGHS) की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित हुई, जिसमें ICMR, NCDC और अन्य स्वास्थ्य संस्थानों के विशेषज्ञों ने स्थिति की समीक्षा की. फिलहाल, किसी बड़े खतरे की आशंका नहीं जताई गई है, लेकिन सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है.

सूत्रों ने बताया कि केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक जैसे राज्यों से कुछ कोरोना केसों की सूचना मिली है. देश में कोविड सहित सांस संबंधी बीमारियों की निगरानी के लिए IDSP (इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम) और ICMR के सेंटिनल सर्विलांस नेटवर्क सक्रिय हैं. अधिकांश मामले हल्के हैं और मरीज घर पर ही इलाज ले रहे हैं.

अन्य देशों में भी वृद्धि, पर घबराने की जरूरत नहीं

सूत्रों ने यह भी बताया कि हाल ही में सिंगापुर, हांगकांग और कुछ अन्य देशों में कोरोना केसों में वृद्धि की खबरें आई हैं. हालांकि, संबंधित देशों के राष्ट्रीय आईएचआर फोकल पॉइंट्स के अनुसार, वर्तमान में फैल रहे वेरिएंट पहले के मुकाबले ज्यादा संक्रामक या घातक नहीं हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पूरी स्थिति पर सतर्क है और नजर बनाए हुए है. विभिन्न एजेंसियों के जरिए हालात की लगातार समीक्षा और निगरानी की जा रही है.

देश भर में एक्टिव केस और राज्यों का हाल

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 19 मई 2025 तक देश में कुल 257 एक्टिव कोविड केस हैं. हालांकि, कुछ राज्यों में स्थानीय स्तर पर मामूली वृद्धि देखी गई है.

  • दिल्ली: बीते 24 घंटे में 23 नए मामले सामने आए हैं. सभी मरीजों में हल्के लक्षण थे और वे होम आइसोलेशन में हैं.
  • नोएडा: दिल्ली की सीमा से सटी एक 55 वर्षीय महिला संक्रमित पाई गई और उसे होम आइसोलेशन में रखा गया.
  • आंध्र प्रदेश: 4 नए मामले.
  • तेलंगाना: 1 मामला सामने आया, जिसमें एक पल्मोनोलॉजिस्ट संक्रमित थे, जो अब पूरी तरह स्वस्थ हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक बुलाई.
  • बेंगलुरु: 9 महीने का एक बच्चा पॉजिटिव मिला है.
  • केरल: मई महीने में अब तक 273 केस रिपोर्ट किए जा चुके हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने सभी जिलों में निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया है.
  • महाराष्ट्र: मई में अब तक कुल 257 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं, जिनमें मुंबई में 47, पुणे में 30, नवी मुंबई में 7, ठाणे महानगरपालिका क्षेत्र में 3 और नागपुर महानगरपालिका क्षेत्र में 6 मरीज शामिल हैं. कुल 166 एक्टिव मरीज हैं. ठाणे में गंभीर डायबिटीज से पीड़ित एक कोविड मरीज की मौत भी हुई है.
  • गुजरात (अहमदाबाद): एक ही दिन में कोरोना के 20 केस दर्ज हुए हैं. मई महीने के दौरान कुल 39 केस दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 31 मरीज अभी भी पॉजिटिव हैं.

विशेषज्ञों की सलाह: सतर्क रहें, घबराएं नहीं

अहमदाबाद के सीनियर फिजिशियन डॉ. प्रवीण गर्ग का कहना है कि "मौजूदा परिस्थिति पूरी तरह नियंत्रित है. किसी को डरने की कोई आवश्यकता नहीं है. कोरोना मरीजों की संख्या इतनी ज़्यादा भी नहीं है कि कोई अभी से डरे और बूस्टर डोज की जरूरत महसूस हो." उन्होंने सलाह दी कि जिनकी इम्युनिटी कम है, उन्हें भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क लगाने की जरूरत है. डॉ. गर्ग ने यह भी बताया कि JN-1 वेरिएंट से ज़्यादा मौतें नहीं हो रही हैं, लेकिन बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को सावधानी बरतना जरूरी है.
 

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