जम्मू-कश्मीर के शांत पहलगाम इलाके में मंगलवार को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है. इस दुर्लभ हमले में अब तक 26 लोगों के मारे जाने की आशंका है. आतंकी वर्दी में आए थे और उन्होंने घुड़सवारी कर रहे पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं. घटना बैसरन इलाके की है, जहां दोपहर करीब 2:30 बजे हमला हुआ. इस दौरान पर्यटकों को संभलने का मौका नहीं मिला है.
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हमले में अब तक 12 लोग घायल हुए हैं, जिनमें चार की हालत गंभीर बनी हुई है. मारे गए लोगों की संख्या लगातार बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. घोड़ों तक को बख्शा नहीं गया. कई घोड़े भी घायल हैं. सुरक्षाबलों ने इलाके को घेरकर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है.
मोदी सरकार की त्वरित कार्रवाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो इस समय सऊदी अरब दौरे पर हैं, ने गृहमंत्री अमित शाह से तुरंत फोन पर बात की और हर जरूरी कदम उठाने को कहा. पीएम ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि 'जिन लोगों ने यह घिनौना काम किया है, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.' अमित शाह हमले के तुरंत बाद जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना हो गए. गृह मंत्रालय में हाई-लेवल बैठक बुलाई गई, जिसमें आईबी, गृह सचिव और अन्य टॉप अधिकारी शामिल रहे.
प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के बीच क्या बातचीत हुई?
प्रधानमंत्री इस समय सऊदी अरब के दौरे पर हैं. फोन पर हुई बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने शाह को सभी उपयुक्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. प्रधानमंत्री ने शाह को घटनास्थल का दौरा करने को भी कहा है. इसके बाद अमित शाह केंद्र शासित प्रदेश के लिए रवाना हो गए.
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला और बीजेपी नेता रविंदर रैना ने हमले की कड़ी निंदा की है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इसे कायरतापूर्ण हमला बताया है. उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया कि पर्यटकों पर हमला मानवता के खिलाफ है.
आतंकी संगठन TRF की भूमिका
द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने हमले की जिम्मेदारी ली है. यह लश्कर-ए-तैयबा का एक प्रॉक्सी संगठन है। TRF का नया मॉड्यूल ‘फाल्कन स्क्वॉड’ इस हमले के पीछे बताया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, यह स्क्वॉड अत्याधुनिक हथियारों से लैस है और हिट एंड रन रणनीति पर काम करता है.
इंटेलिजेंस एजेंसियों के मुताबिक, अमरनाथ यात्रा से पहले यह हमला डर का माहौल पैदा करने के लिए किया गया है. ‘फाल्कन स्क्वॉड’ को कश्मीर के ऊंचे और जंगल वाले इलाकों में छिपने की ट्रेनिंग दी गई है. सोशल मीडिया के जरिए युवाओं की भर्ती कर यह मॉड्यूल सक्रिय किया गया है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) जल्द ही इस मामले की जांच अपने हाथ में ले सकती है. एजेंसी के टॉप अधिकारी हाल ही में सोनमर्ग गए थे और अब पहलगाम दौरे पर जा सकते हैं.
सुनिए चश्मदीदों ने क्या बताया...
अमरनाथ यात्रा से पहले दहशत पैदा करने की कोशिश
आंतरिक सुरक्षा सूत्रों ने इंडिया टुडे ग्रुप को बताया है कि पहलगाम में आतंकी हमला प्रतिबंधित आतंकी संगठनों- लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद - का इस्तेमाल करने की पाकिस्तान की शैतानी योजना का हिस्सा है, जो बदले में छोटे-छोटे हिट स्क्वॉड का इस्तेमाल कर बेवजह हत्याएं कर रहे हैं.
अमरनाथ यात्रा से पहले आज का हमला तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के बीच भय पैदा करने और उन्हें परेशान करने के लिए किया गया है. इसी तरह का हमला सोनमर्ग में भी किया गया था. आज के हमले के बाद टीआरएफ का हिट स्क्वॉड, फाल्कन स्क्वॉड, आने वाले दिनों में कश्मीर में एक बड़ी चुनौती पेश कर सकता है. इस आतंकी मॉड्यूल को लक्षित हत्याओं को अंजाम देने और फिर जंगली इलाकों और ऊंचे इलाकों में छिपने के लिए प्रशिक्षित किया गया है.
सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि अपेक्षाकृत नए मॉड्यूल 'फाल्कन स्क्वॉड' को अत्याधुनिक हथियारों की एक बड़ी खेप मिली है, जिसका इस्तेमाल अब लक्षित हत्याओं और सुरक्षाकर्मियों पर हमलों के लिए किया जा रहा है. कुछ महीने पहले सुरक्षा बलों पर हमले से संबंधित अलर्ट भी जारी किया गया था.
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