Pakistan Link in Pahalgam Attack: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को कड़े सबूत सौंपे हैं. इन सबूतों में तकनीकी जानकारी और विश्वसनीय खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी शामिल है, जो यह साबित करते हैं कि इस हमले का सीधा संबंध पाकिस्तान से है. यह जानकारी इंडियन एक्सप्रेस को सूत्रों से मिली है.
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पीएम और विदेश मंत्रालय ने दुनिया को दी जानकारी
पिछले दो दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 विश्व नेताओं से फोन पर बात की है. इसके अलावा, दिल्ली में 30 से ज्यादा देशों के राजदूतों और विदेश सचिव विक्रम मिसरी व विदेश मंत्रालय के अन्य बड़े अधिकारियों के साथ बैठकें हुईं. इन सभी को पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसमें मारे गए 26 नागरिकों के बारे में विस्तार से बताया गया.
इलेक्ट्रॉनिक निशान और आतंकियों की पहचान
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने विदेशी नेताओं और राजदूतों को बताया गया है कि आतंकवादियों और उनके संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) के 'इलेक्ट्रॉनिक साइन' पाकिस्तान में कम से कम दो स्थानों पर पाए गए हैं. सूत्रों के अनुसार, कुछ आतंकवादियों की पहचान भी कर ली गई है और उनकी पिछली गतिविधियों से यह पुष्टि होती है कि वे पाकिस्तान से आए थे, कुछ समय पहले भारतीय सीमा में घुसे थे और यहां छिपे हुए थे. इस जानकारी को तकनीकी खुफिया जानकारी, मानवीय खुफिया जानकारी और चश्मदीदों के के बयानों से बल मिला है.
पाकिस्तान को अलग-थलग करने की कूटनीति
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी है. भारतीय अधिकारियों ने विदेशी समकक्षों को कहा है कि उनके पास पर्याप्त सामग्री है जो हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता को साबित करती है.
भारत पर्यटकों के लिए सुरक्षित
इसके साथ ही, भारत ने सभी विदेशी सरकारों को यह संदेश भी दिया गया है कि भारत विदेशी पर्यटकों के लिए सुरक्षित है और उन्हें जल्दबाजी में यात्रा परामर्श जारी करने की कोई आवश्यकता नहीं है. हालांकि, अमेरिका और ब्रिटेन ने यात्रा परामर्श जारी किए हैं.
विश्व नेताओं ने जताया शोक
बता दें, पहलगाम अटैक के बाद से अब तक 13 विश्व नेताओं ने पीएम मोदी को फोन किया है. शुक्रवार को ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर और डच प्रधानमंत्री डिक स्कूफ ने मोदी से बात की. स्टारमर ने आतंकी हमले पर "भयानक" दुख व्यक्त किया.
पीएम मोदी ने नीदरलैंड के समर्थन के लिए धन्यवाद दिया और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूत करने के लिए उसके साथ सहयोग करने की भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया.
इससे पहले, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी, जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी, जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय, मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी हमले के बाद मोदी को फोन किया था.
लगातार वैश्विक नेताओं से बातचीत
शुक्रवार को जयशंकर ने सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान अल सऊद से बात की और इजरायल, नेपाल, मिस्र और अर्जेंटीना के राजदूतों से मुलाकात की. गुरुवार को उन्होंने फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-नोएल बारोट से बात की और जर्मन चांसलर के विदेश और सुरक्षा नीति सलाहकार जेन्स प्लॉट्नर से मुलाकात की.
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