पेट्रोल-डीजल पर बढ़ी, इधर कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने बता दिया सरकार ने ऐसा क्यों किया?

Petrol Diesel Excise Duty Hike: सरकार ने पेट्रोल-डीज़ल पर ₹2 एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई दी है. इस बढ़ोतरी का आम जनता पर कोई असर देखने को नहीं मिलेगा क्योंकि खुदरा दाम जस के तस बने रहेंगे. हालांकि, घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 50 रुपये बढ़ा दी है. वहीं, इस फैसले की कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आलोचना की है.

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News Tak Desk

• 06:15 PM • 07 Apr 2025

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पेट्रोल-डीजल को लेकर भारत सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. 8 अप्रैल 2025 से, सरकार ने पेट्रोल और डीज़ल पर ₹2 प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty) यानी टैक्स बढ़ा दिया है. सुनने में ये खबर थोड़ी डराने वाली लग सकती है, लेकिन सरकार की तरफ से एक राहत भी दी गई है. इससे पेट्रोल-डीज़ल की खुदरा कीमतों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. यानी आम आदमी को फिलहाल इस फैसले से कोई सीधा झटका नहीं मिलेगा. लेकिन, दूसरी तरफ LPG के दामों में महंगाई का मार झेलनी पड़ेगी. वहीं, सरकार के इस फैसले को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे दूसरे नजरिए से देख रहे हैं. उन्होंने इस पर फैसला सवाल खड़ा करते हुए कहा, जब अंतर्राष्‍ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत कम हुई है, तो फिर सरकार पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने के बजाय क्यों बढ़ा रही है. 

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क्या बढ़ेगा पेट्रोल-डीज़ल का दाम?

सरकार ने स्पष्ट किया है कि पेट्रोल और डीज़ल की खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, “वित्त मंत्रालय ने पेट्रोल और डीज़ल पर ₹2 एक्साइज बढ़ाने की अधिसूचना जारी की है, लेकिन इसका बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा.”

उन्होंने बताया कि तेल कंपनियों के पास अभी पुराना स्टॉक है जिसकी औसत कीमत $75 प्रति बैरल है, जबकि वर्तमान अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमत $64/बैरल तक गिर चुकी है. ऐसे में खुदरा कीमतों पर असर नहीं पड़ेगा. वहीं इस पर पेट्रोलियम मंत्रालय ने ट्विटर (X) पर लिखा, "पब्लिक सेक्टर की तेल कंपनियां खुदरा कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं करेंगी. यानी आम जनता को इस बदलाव का फर्क महसूस नहीं होगा."

सरकार को होगा फायदा, जनता को राहत

बता दें कि यह टैक्स बढ़ोतरी सरकार को राजस्व जुटाने में मदद करेगी. वहीं,बढ़ाई गई एक्साइज ड्यूटी को लेकर हरदीप पुरी ने बताया कि जो ₹2 एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई गई है, उसका उद्देश्य उपभोक्ता से पैसा लेना नहीं है, बल्कि तेल कंपनियों को ₹43,000 करोड़ के गैस नुकसान की भरपाई करना है.

विपक्ष ने जताई नाराज़गी

सरकार के इस फैसले पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने X पर लिखा, “मई 2014 की तुलना में अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमत में 41% की गिरावट आई है, लेकिन मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें घटाने की बजाय ₹2-₹2 का एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी है.” उन्होंने सरकार पर “जले पर नमक छिड़कने” का आरोप लगाया.

क्या होती है एक्साइज ड्यूटी?

आपकाे बता दें कि  भारत में पेट्रोल और डीजल रिफाइन होकर तैयार किया जाता है. इसके बाद इन्हें रिफाइन होने के लिए बाहर भेजा जाता है और इसी पर एक्साइज ड्यूटी लगाई जाती है. यह एक तरह का टैक्स है जो सीधा केंद्र सरकार के खाते में जाता है. फिलहाल पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 19.90 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी लगभग 15.80 रुपये प्रति लीटर है. ये ड्यूटी देश के लिए आय का अहम  स्रोत होती है. $64 

LPG के मोर्चे पर झटका

जहां पेट्रोल-डीज़ल पर राहत की खबर है, वहीं रसोई गैस यानी LPG के मोर्चे पर जनता को झटका लगा है. सिलेंडर की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी की गई है. हालांकि सरकार का कहना है कि यह अस्थायी है और समय-समय पर इसकी समीक्षा की जाएगी.

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