Premanand ji on Virat Kohli Failure: भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली और उनकी पत्नी अनुष्का शर्मा प्रेमानंद जी महाराज का आशीर्वाद लेने पहुंचे. दरअसल, आस्ट्रेलिया दौरे में बुरी तरह फ्लॉप रहे स्टार क्रिकेटर विराट कोहली भारत लौट आए हैं, दौरे में उनकी बल्लेबाजी सवालों के घेरे में रही और उसकी खूब चर्चा हुई. जब वह प्रेमानंद जी महाराज के पास पहुंचे तो प्रेमानंद जी महाराज ने उनकी असफलता और प्रारब्ध पर विस्तार से बात की है. उन्होंने विराट कोहली के फेल होने की वजह बता दी.
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बता दें कि कोहली और अनुष्का इससे पहले भी प्रेमानंद महाराज के आश्रम पहुंच चुके हैं और इस बार वे अपने दोनों बच्चों के साथ वृंदावन पहुंचे हैं. वीडियो को सोशल मीडिया पर भजन मार्ग के ऑफिशियल अकाउंट से शेयर किया गया है. कोहली और अनुष्का का प्रेमानंद महाराज के आश्रम पहुंचने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और एक ही घंटे में लाखों लोग इस वीडियो देख चुके हैं.
प्रेमानंद जी ने पूछा- मन प्रसन्न है?
कोहली जैसे ही प्रेमानंद महाराज के सामने पहुंचे तो उन्होंने भारतीय बल्लेबाज से पूछा, मन प्रसन्न है? इस पर कोहली ने सिर हिलाकर हां कहा और वह मुस्कुराते नजर आए. इस दौरान महाराज ने विराट कोहली की क्रिकेट में मिल रही असफलता को लेकर बातचीत की. उन्होंने कहा- "जीवन में सफलता और असफलता स्वाभाविक हैं, और असफलता के समय धैर्य रखना आवश्यक है."
महाराज ने आगे कहा- 'अभ्यास में कमी न होने पर भी प्रारब्ध (भाग्य) के कारण असफलता मिल सकती है. ऐसे समय में भगवान का चिंतन करते हुए धैर्यपूर्वक मुस्कुराना बड़ी बात होती है, और यह क्षमता भगवान प्रदान करते हैं. विराट कोहली का अपने खेल में समर्पण और अभ्यास ही उनकी साधना है. उन्होंने विराट को अपने अभ्यास को पुष्ट करने और बीच-बीच में भगवान का नाम स्मरण करने की सलाह दी, जिससे वे अपने लक्ष्य में उन्नति प्राप्त कर सकें.'
प्रेमानंद महाराज विराट के प्रारब्ध पर क्या बोले?
प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि कोहली खेल के जरिए सेवा कर रहे हैं और इन्हें जो परमात्मा की तरफ से प्राप्त हुआ है उसमें वो शीर्ष पर हैं. उन्होंने सफलता और असफलता के बारे में बात करते हुए कहा कि "कई बार आपके अभ्यास में कमी नहीं होती, लेकिन प्रारब्ध उसमें जुड़े होते हैं. कोहली खेल के जरिए सेवा कर रहे हैं और इन्हें जो परमात्मा की तरफ से प्राप्त हुआ है उसमें वो शीर्ष पर हैं. इसके बाद प्रेमानंद जी ने सफलता और असफलता के बारे में बात करते हुए कहा कि कई बार आपके अभ्यास में कमी नहीं होती, लेकिन प्रारब्ध उसमें जुड़े होते हैं."
महाराज जी ने बताया कि 'अगर आपके साथ अशुभ प्रारब्ध ज्यादा जुड़ गया तो असफलता मिलती है, हालांकि आपके अभ्यास में कोई कमी नहीं है. ऐसे में आपके अभ्यास में कमी नहीं होने की वजह से भी आपको हार जनित रिजल्ट मिलते हैं.' वह आगे बोले- 'जब आपका अभ्यास पूर्ण है और प्रारब्ध भी पूर्ण है तो फिर आपको विजयी प्राप्त होता है. उन्होंने कहा कि अब ये अभ्यास में बहुत प्रवीण हैं, लेकिन इस बार प्रारब्ध है कि आपको दुख भोगना है तो अन्य लोगों के प्रभाव से आपको दुख मिलेगा क्योंकि वहां और भी खेल रहे हैं.'
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