Kumbh Mela Stampede: प्रयागराज में संगम की रेती पर लगे महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर तीसरे शाही स्नान (अमृत स्नान) के लिए श्रद्धालुओं की विकराल भीड़ पहुंची, यह भीड़ सबसे ज्यादा संगम नोज पर उमड़ी. भीड़ का रेला बढ़ता रहा और स्नान कर लौट रहे लोगों की वजह से संगम नोज पर बड़ा हादसा हो गया. बुधवार देर रात 1 से 2 बजे के बीच भगदड़ मचने से 10 से ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत हो गई, कई श्रद्धालुओं के घायल होने की आशंका है.
ADVERTISEMENT
प्रशासन ने खराब हुए हालात को काबू में करने की कोशिश की, अब स्थिति काबू में बताई जा रही है. महाकुंभ में संगम नोज क्या है और क्यों हर कोई यहां पर स्नान करना चाहता है? संगम नोज इतना महत्वपूर्ण क्यों है, और क्यों हर बार यहां भीड़ बेकाबू हो जाती है. जानिए सब कुछ इस पूरी खबर में...
संगम नोज और उसका महत्व क्या है, जानिए
संगम नोज प्रयागराज का वह पवित्र स्थल है, जहां गंगा, यमुना और अदृश्य नदी सरस्वती का मिलन होता है. इस जगह को धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से बेहद खास माना जाता है. साधु-संतों और श्रद्धालुओं के लिए संगम नोज पर स्नान करना सबसे पवित्र और पुण्यदायक माना जाता है.
संगम नोज का विस्तार काफी बड़े क्षेत्रफल में है. संगम पर प्रसिद्ध लेटे हुए हनुमान मंदिर से आगे बढ़ने पर जो घाट मिलता है, वही संगम नोज है. इसके क्षेत्रफल को हर बार महाकुंभ के दौरान बढ़ाया जाता है, ताकि अधिक श्रद्धालुओं को स्नान की सुविधा दी जा सके. इस बार संगम नोज के क्षेत्र को इतना बड़ा किया गया था कि हर घंटे दो लाख लोगों के स्नान की व्यवस्था की गई थी, जबकि 2019 के कुंभ में यह क्षमता 50 हजार लोगों प्रति घंटे तक सीमित थी.
संगम नोज पर क्यों मची भगदड़?
मौनी अमावस्या के दिन देर रात एक बजे तक संगम नोज पर श्रद्धालुओं की संख्या अचानक से बढ़ने लगी. लाखों लोग इस पवित्र स्थल पर स्नान करना चाहते थे, लेकिन भारी भीड़ के कारण स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई. क्राउड मैनेजमेंट फेल होता नजर आया और श्रद्धालुओं के बीच धक्का-मुक्की के कारण भगदड़ मच गई.
प्रशासन ने तुरंत कई रास्तों को खोलकर भीड़ को दूसरी तरफ डायवर्ट करने की कोशिश की, लेकिन तब तक इस हादसे में कई लोग जान गवां चुके थे. इस घटना के बाद प्रशासन ने अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती और लोगों को संगम नोज की ओर जाने से रोकने की अपील की.
सीएम योगी और साधु-संतों की अपील
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख जताते हुए श्रद्धालुओं से अपील की कि वे संगम नोज जाने से बचें. उन्होंने कहा, "मां गंगा के जिस घाट के पास हैं, वहीं स्नान करें. प्रशासन द्वारा बनाए गए अन्य स्नान घाटों का उपयोग करें. किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें और व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें."
इस घटना को देखते हुए अखाड़ा परिषद ने स्नान स्थगित कर दिया और कहा कि जब भीड़ छंट जाएगी तब वह स्नान करेंगे. साधु-संतों ने भी भक्तों से आग्रह किया कि वे संगम नोज पर अनावश्यक भीड़ न करें और अन्य घाटों पर स्नान कर पुण्य लाभ लें.
ADVERTISEMENT