भारत-पाक युद्ध की भविष्यवाणी हुई सच? अब योगेश्वरानंद ने 30 मई के लिए कही ये बड़ी बात!

Swami Yogeshwaranand Giri prediction: पहलगाम हमले के बाद वायरल हुआ स्वामी योगेश्वरानंद गिरि का वीडियो, जिसमें उन्होंने भारत-पाक युद्ध की भविष्यवाणी की है. दावा- 30 मई 2025 के बाद भारत बदलेगा और 'स्वर्णिम काल' में प्रवेश करेगा.

तस्वीर: स्वामी योगेश्वरानंद गिरि (स्क्रीनग्रैब)

तस्वीर: स्वामी योगेश्वरानंद गिरि (स्क्रीनग्रैब)

न्यूज तक

• 07:57 PM • 10 May 2025

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पहलगाम में आतंकी हमले के बाद स्वामी योगेश्वरानंद गिरि का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इस वीडियो में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को लेकर उन्होंने भविष्यवाणी की थी. वीडियो में स्वामी योगेश्वरानंद गिरि कह रहे है कि पिछले 1,000 साल देश के लिए कठिन रहे हैं. लेकिन हिंदुस्तान का भविष्य  30 मई 2025 के बाद बदल जाएगा. उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत अब अपने ‘स्वर्णिम काल’ में प्रवेश के लिए तैयार है. यह इंटरव्यू उन्होंने रणवीर इलाहाबादिया को दिया था.

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युद्ध की भविष्यवाणी

इंटरव्यू में स्वामी जी ने बताया कि ग्रहों की स्थिति इस समय वैसी ही बन रही है जैसी महाभारत के समय थी. उन्होंने इसे भारत के लिए शुभ संकेत बताया और कहा कि युद्ध तय है, जिसमें भारत हावी रहेगा. उन्होंने मई 2025 में युद्ध की संभावना जताई. यह भविष्यवाणी रणवीर द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में आई थी, जिसमें उन्होंने दुनिया में एक और युद्ध की संभावना पर सवाल किया था.

स्वामी जी ने कहा कि 30 मई को ग्रहों की एक विशेष स्थिति बन रही है, जो पहले भी बड़े युद्धों के समय देखी गई थी. उन्होंने यह ज्योतिषीय गणना के आधार पर बताया और कहा कि यह कोई भावनात्मक बयान नहीं है. साथ ही उन्होंने जोड़ा कि भारत इस समय अपने शीर्ष पर है.

स्वामी योगेश्वरानंद गिरि कौन हैं?

स्वामी योगेश्वरानंद गिरि, जिन्हें स्वामी यो के नाम से भी जाना जाता है, ज्योतिष और अध्यात्म की दुनिया में प्रसिद्ध हैं. इंडियन योगा एसोसिएशन के अनुसार, उनकी संस्था का कार्यालय मुंबई के सांताक्रूज ईस्ट में स्थित है. स्वामी जी का जन्म महाराष्ट्र के उल्हासनगर में हुआ और वे एक ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखते हैं.

वे पहले वैज्ञानिक बनना चाहते थे, लेकिन पारिवारिक परिस्थितियों के चलते उनका रुझान अध्यात्म की ओर हो गया. काम के सिलसिले में उन्हें दुबई भी जाना पड़ा, लेकिन वापसी के बाद उन्होंने संन्यास ले लिया. वे गुजरात में आदिवासी बच्चों की शिक्षा में भी सहयोग कर रहे हैं.

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