अफगानिस्तान के दक्षिण-पूर्वी इलाके में देर रात भूकंप के झटके महसूस किए गए. इसका असर भारत में भी देखने को मिला। यहां दिल्ली-एनसीआर में भी इसके झटके महसूस किए गए. इससे लोगों में दहशत फैल गई. संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.0 मापी गई.
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अफगानिस्तान में 9 की मौत
बताया जा रहा है भूकंप के कारण अफगानिस्तान के नांगरहार प्रांत में जानमाल का भारी नुकसान हुआ है.अधिकारियों के मुताबिक, भूकंप के चलते कम से कम 9 लोगों की मौत हुई है. वहीं 15 लोग घायल हुए बताए जा रहे हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. इस दौरान यहां कई घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं.
दिल्ली-NCR तक हुआ असर
वैज्ञानिकों के अनुसार, भूकंप का केंद्र जलालाबाद से 27 किलोमीटर पूर्व-उत्तरपूर्व में जमीन से 8 किलोमीटर अंदर था. इसके झटके दिल्ली-एनसीआर में भी महसूस किए गए. भूकंप का पता चलने पर यहां लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए. हालांकि, भारत में अभी इससे किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है.
संवेदनशील है हिंदूकुश का इलाका
रेड क्रॉस के अनुसार, अफगानिस्तान का हिंदूकुश पर्वतीय इलाका भूवैज्ञानिक रूप से बेहद सक्रिय है. इस इलाके में हर साल भूकंप आते रहते हैं. यह क्षेत्र भारतीय और यूरेशियन टेक्टॉनिक प्लेट्स के जंक्शन पर स्थित है. पिछले महीने 2 अगस्त यहां 5.5 और 6 अगस्त को 4.2 तीव्रता के भूकंप झटके दर्ज किए गए थे.
क्यों और कैसे आता है भूकंप?
बता दें कि पृथ्वी टेक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है. इसके नीचे लावा (तरल पदार्थ) होता है, जिसपर ये टेक्टोनिक प्लेट्स तैरती रहती हैं. ऐसे में कई बार ये प्लेट्स आपस में टकरा जाती हैं. इससे एनर्जी जेनरेट हो जाती है और जब ये एनर्जी बाहर निकलती है तो धरती पर कंपन होने लगती है. इस कंपन को ही भूकंप कहा जाता हैं. भूकंप की तीव्रता को रिक्टर स्केल पर इसके केंद्र (एपीसेंटर) से 1 से 9 के आधार पर मापा जाता है.
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