अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाया गया अतिरिक्त 25% टैरिफ आज से लागू हो गया है. अब भारत अमेरिका के सबसे अधिक टैरिफ झेलने वाले देशों की लिस्ट में ब्राजील के साथ शामिल हो गया है. अमेरिका ने भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ रूस से तेल और हथियारों की खरीदने पर लगाया है.
ADVERTISEMENT
इस टैरिफ का असर भारत के लगभग $48 अरब के एक्सपोर्ट पर पड़ने की आशंका है, जिसके कारण लगभग दो-तिहाई कमोडिटी ट्रेडिंग प्रभावित होने की संभावना है. भारत का अमेरिका में एक्सपोर्ट मार्केट सबसे बड़ा है.
आज से लागू हुआ अतिरिक्त टैरिफ
अमेरिका ने भारत पर 50% का टैरिफ दो चरणों में लागू किया है. पहला 25% टैरिफ जुलाई में घोषित हुआ था और दूसरा 25% अतिरिक्त टैरिफ इसी अगस्त महीने में लगाया गया है. जो बुधवार सुबह साढ़े 9 बजे से लागू हो गया है.
थिंक-टैंक ‘ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव’ (GTRI) की रिपोर्ट के मुताबिक, 2025-26 में भारत से अमेरिका में एक्सपोर्ट में 40 से 45% की भारी गिरावट आ सकती है. 2024-25 में भारत ने अमेरिका को लगभग 87 बिलियन डॉलर (लगभग ₹7.63 लाख करोड़) का सामान बेचा था. अनुमान है कि यह आंकड़ा 2025-26 में घटकर 49.6 बिलियन डॉलर (लगभग ₹4.35 लाख करोड़) रह जाएगा.
12 सेक्टर्स पर दिखेगा सबसे बड़ा असर
यह नया टैरिफ भारत के उन प्रोडेक्ट को अधिक प्रभावित करेगा जिनका एक्सपोर्ट अमेरिका में बड़े पैमाने पर होता है. इनमें कपड़े, टेक्सटाइल, हीरे-जवाहरात, झींगा, कालीन और फर्नीचर शामिल हैं. आज से अमेरिका में इन प्रोडेक्ट्स पर कुल टैरिफ 50% तक पहुंच गया है, जिससे अमेरिकी बाजार में इनका निर्यात बहुत मुश्किल हो जाएगा.
क्रिसिल रेटिंग्स की चेतावनी के अनुसार, यह टैरिफ विशेष रूप से 12 प्रमुख भारतीय सेक्टर्स को प्रभावित करेगा. नीचे दिए सेक्टर पर इसका असर दिखेगा
सेक्टर | अमेरिका को एक्सपोर्ट (2024-25) |
कपड़ा और परिधान | $10.9 अरब |
हीरे और आभूषण | $10 अरब |
मशीनरी और उपकरण | $6.7 अरब |
कृषि और प्रोसेस्ड फूड | $6 अरब |
धातु (स्टील, एल्यूमीनियम, तांबा) | $4.7 अरब |
ऑर्गेनिक केमिकल | $2.7 अरब |
समुद्री भोजन और झींगा | $2.4 अरब |
हस्तशिल्प (कालीन, चमड़ा, फर्नीचर) | $5 अरब से अधिक |
हालांकि, कुछ सेक्टरों जैसे फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और पेट्रोलियम उत्पादों को फिलहाल इस टैरिफ से छूट मिली हुई है. ये सेक्टर भारत के कुल एक्सपोर्ट का 30% हिस्सा हैं और अभी भी टैरिफ-मुक्त हैं.
एक्सपोर्ट में 70% तक की गिरावट की आशंका
इस टैरिफ का असर भारत के उन शहरों में दिखाई देना शुरू होगा, जिनमें एक्सपोर्ट करने वाले सामान तैयार किए जाते हैं. इनमें तिरुपुर, नोएडा, सूरत, विशाखापत्तनम और जोधपुर में पहले से ही असर दिखा रहा है.
क्रिसिल रेटिंग्स ने चेतावनी दी है कि कुछ सामानों के एक्सपोर्ट में 70% तक की भारी गिरावट आ सकती है. जिसके कारण इस वित्तीय वर्ष में अमेरिका को भारत का कुल एक्सपोर्ट 43% तक गिर सकता है.
भारत के निर्यात में आई इस गिरावट से वियतनाम, बांग्लादेश और चीन जैसे प्रतिस्पर्धी देशों को फायदा हो सकता है, जिन पर भारत की तुलना में काफी कम टैरिफ लगे हैं.
भारत-अमेरिका ट्रेड डील क्यों फेल?
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते के लिए कई दौर की बातचीत जारी है लेकिन अब कोई नतीजा नहीं निकल पाया है. अमेरिका चाहता है कि भारत अपना कृषि बाजार उसके उत्पादों के लिए खोले लेकिन भारत ने इसे किसानों की अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदायक बताकर समझौता करने से इनकार कर दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुले मंच से कह चुके हैं कि वह इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेंगे.
भारत ने बनाई रणनीति
अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को कम करने के लिए भारत सरकार ने भी कमर कस ली है. एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार $3.25 अरब (₹25,000 करोड़) के निर्यात संवर्धन मिशन (Export Promotion Mission) पर काम कर रही है. इसमें व्यापार वित्त, ऋण पहुंच, कपड़ा और खाद्य प्रसंस्करण के लिए जीएसटी में बदलाव, विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZs) में सुधार और 'ब्रांड इंडिया' के तहत वैश्विक ई-कॉमर्स को बढ़ावा देना शामिल है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 'स्वदेशी' और 'वोकल फॉर लोकल' का आह्वान किया है, जिससे भारत अपनी एक्सपोर्ट डेंपडेंसी को कम कर सके. साथ ही, भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर बातचीत जारी है, जिसका पहला चरण सितंबर-अक्टूबर 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है.
ADVERTISEMENT