Shakti Dubey UPSC Topper 2024: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सिविल सेवा परीक्षा 2024 का फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया है. इस बार शक्ति दुबे ने ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल कर टॉप किया है. यूपी के प्रयागराज की शक्ति दुबे ऑल इंडिया टॉपर बनी हैं. चहल एकेडमी को दिए एक मॉक इंटरव्यू में शक्ति ने बताया कि उन्होंने बायो केमिस्ट्री से 2016 में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है. नंबर 2 पर हरियाणा की हर्षिता गोयल रही हैं. इस परीक्षा के पर्सनैलिटी टेस्ट (इंटरव्यू) का आयोजन 7 जनवरी 2025 से शुरू हुआ था और 17 अप्रैल 2025 को समाप्त हुआ. इंटरव्यू के लिए कुल 2845 उम्मीदवारों को बुलाया गया था.
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कौन है शक्ति दुबे?
शक्ति दुबे उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले से हैं, जिसे इलाहाबाद के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा और स्नातक की पढ़ाई प्रयागराज से ही पूरी की. शक्ति ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की और फिर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से बायोकेमिस्ट्री में स्नातकोत्तर (2016-2018) पूरा किया. इसके बाद से वह सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे थे. यह उनका चौथा प्रयास था, जिसमें उन्होंने प्रीलिम्स और मेन्स पास करने के बाद साक्षात्कार में शानदार प्रदर्शन कर AIR 1 हासिल किया.
शक्ति की प्रेरणा और भविष्य की योजनाएं
शक्ति ने बताया कि उनके पिता, जो पुलिस सेवा में हैं, उनकी सबसे बड़ी प्रेरणा रहे हैं. उन्होंने अपने पिता को सरकारी सेवा में काम करते देखा, जिसने उन्हें सिविल सेवा की ओर आकर्षित किया. छात्रावास में रहते हुए, पुलिस की मौजूदगी ने उन्हें सुरक्षा का एहसास कराया, जिसने उनके इस फैसले को और मजबूत किया.
शक्ति ने कहा कि सिविल सेवा में आने का उनका मकसद बड़े पैमाने पर लोगों की सेवा करना और विविध चुनौतियों का सामना करना है. बोर्ड ने सुझाव दिया कि वे अपने जवाबों में व्यक्तिगत निर्णय और करियर की पसंद पर अधिक जोर दें, न कि माता-पिता के प्रभाव पर.
इंटरव्यू में शक्ति दुबे के जवाब: ज्ञान और आत्मविश्वास का प्रदर्शन
शक्ति का साक्षात्कार बोर्ड के सामने उनका प्रदर्शन असाधारण रहा. बोर्ड ने उनसे विभिन्न विषयों पर सवाल पूछे, जिनमें समान नागरिक संहिता (UCC), अनुसंधान और विकास, जैविक खेती, संघवाद की चुनौतियाँ, और पाँचवीं पीढ़ी के युद्ध जैसे जटिल मुद्दे शामिल थे. उनके जवाबों ने उनकी गहरी समझ और संतुलित दृष्टिकोण को दर्शाया.
समान नागरिक संहिता (UCC) पर विचार:
शक्ति ने UCC को एक स्वागत योग्य कदम बताया, खासकर लिव-इन रिलेशनशिप के संदर्भ में. उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण के कारण सामाजिक दृष्टिकोण बदल रहा है, और लिव-इन पार्टनर्स के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं. UCC लागू होने से महिलाओं के अधिकारों को मान्यता मिलेगी और वे सुरक्षित होंगी.
भारत में अनुसंधान और विकास (R&D):
शक्ति ने माना कि भारत में R&D में सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी पश्चिमी देशों की तुलना में कमी है. उन्होंने बताया कि उन्नत तकनीकों और उपकरणों की कमी, साथ ही उद्योग और अकादमिक संपर्क का अभाव, इस क्षेत्र में बाधा है.
जैविक खेती और प्राकृतिक खेती:
शक्ति ने जैविक और प्राकृतिक खेती के बीच अंतर स्पष्ट किया. उन्होंने कहा कि जैविक खेती में खाद जैसे इनपुट्स का उपयोग होता है, जबकि प्राकृतिक खेती पूरी तरह से प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र पर आधारित होती है. हालांकि, भारत जैसे उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में कीटों की समस्या के कारण जैविक खेती को बड़े पैमाने पर लागू करना चुनौतीपूर्ण है.
संघवाद की उभरती चुनौतियां:
शक्ति ने केंद्र और राज्यों के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता को संघवाद की एक बड़ी चुनौती बताया. उन्होंने राज्यपालों की भूमिका पर सवाल उठाया, जो कई बार केंद्र के एजेंट के रूप में कार्य करते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर बार-बार टिप्पणी की है कि राज्यपालों को संवैधानिक प्रावधानों का पालन करना चाहिए.
बोर्ड की प्रतिक्रिया: शक्ति को बताया भावी कलेक्टर
साक्षात्कार बोर्ड ने शक्ति के प्रदर्शन की जमकर तारीफ की. बोर्ड ने कहा कि शक्ति का ज्ञान सभी क्षेत्रों में गहरा है और उनकी रुचियों की विविधता प्रभावशाली है. बोर्ड ने उन्हें एक भावी जिला कलेक्टर के रूप में देखा और सलाह दी कि वे अपने जवाबों को और संरचित करें, ताकि वे बहस की बजाय बातचीत की तरह लगें. बोर्ड ने यह भी सुझाव दिया कि वे कुछ जटिल विषयों, जैसे पाँचवीं पीढ़ी के युद्ध और हाइब्रिड युद्ध, पर और अधिक पढ़ें.
UPSC CSE के टॉप 10 की लिस्ट:
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यहां देखिए शक्ति दुबे का चहल एकेडमी को दिया मॉक इंटरव्यू:
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