उपराष्ट्रपति चुनाव: तेलुगू बनाम तमिल में उलझा एनडीए, विपक्ष ने चला 'रेड्डी' दांव

उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष ने सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाकर क्षेत्रीय पहचान और बिरादरी कार्ड खेला है, जिससे एनडीए के सहयोगी दलों को धर्मसंकट में डाल दिया गया है.

NewsTak

रूपक प्रियदर्शी

• 01:24 PM • 20 Aug 2025

follow google news

संसद में विपक्षी एकता के एक और टेस्ट का मौका आया है. मौका तो ऐसा भी बन रहा है कि कहीं पहली बार एनडीए में दरार न आ जाए. जगदीप धनखड़ के सडन इस्तीफे के बाद उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर को चुनाव होंगे. लोकसभा और राज्यसभा के 788 सांसद वोट डालेंगे. नंबर गेम में एनडीए का पलड़ा थोड़ा मजबूत है लेकिन इंडिया वाले पीछे नहीं हैं. बीजेपी ने पुराने बीजेपी नेता, संघ प्रचारक रहे ओबीसी नेता महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को एनडीए का उम्मीदवार बनाने का दांव चला. चूंकि तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव होने हैं इसलिए गुणा-गणित करके बीजेपी तमिल सीपी राधाकृष्णन को लाई. निशाना ये था कि डीएमके कैसे तमिल उपराष्ट्रपति का विरोध कर पाएगी. 

Read more!

स्टालिन कतई झांसे में नहीं आए. स्टालिन ने राहुल गांधी से दोस्ती और मजबूत करते हुए एलान कर दिया कि तमिल हैं तो क्या हुआ. सीपी राधाकृष्णन का समर्थन नहीं करेंगे. जो कैंडिडेट इंडिया गठबंधन लाएगी उसी का समर्थन किया जाएगा. एक चर्चा थी कि सीपीआर की टक्कर में इंडिया वाले तमिलनाडु से ही किसी को कैंडिडेट बनाएगी. इसरो साइंटिस्ट एम अन्नादुरै, डीएमके सांसद तिरुचि शिवा का नाम भी चलने लगे लेकिन इंडिया वाले चार कदम आगे निकले. ऐसे राज्य से उपराष्ट्रपति चुना जहां कांग्रेस या किसी इंडिया पार्टी का कोई खास राजनीतिक जनाधार है नहीं.

राहुल बिहार में लड़ रहे वोटर की लड़ाई

आंध्र की राजनीति में टक्कर केवल टीडीपी और वाईएसआरसीपी के बीच चल रही है. कांग्रेस जीरो पर चल रही है. ये आइडिया तब हुआ जब राहुल गांधी इंडिया की मीटिंग में नहीं थे. वो तो बिहार में वोटर के अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं. इंडिया वालों ने चुना सुप्रीम कोर्ट और आंध्र हाईकोर्ट के जज और गुवाहाटी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रहे वी सुदर्शन रेड्डी को. ममता बनर्जी की ओर से ये आइडिया फ्लोट हुआ था कि इंडिया का उम्मीदवार कोई नॉन पॉलिटिकल होना चाहिए. ऐसे ही फॉर्मूले से 2004 में देश के बड़े साइंटिस्ट एपीजे अब्दुल कलाम मुलायम के आइडिया से राष्ट्रपति उम्मीदवार चुने गए थे. 

वी सुदर्शन रेड्डी के जरिए कांग्रेस और इंडिया वालों ने लंबी दूरी की मिसाइल चलाई है. सुदर्शन रेड्डी यानी एक तेलुगू के खिलाफ कैसे वोट करेंगे चंद्रबाबू नायडू के सांसद जो कि मोदी सरकार की लाठी बने हुए हैं. लोकसभा के 16 टीडीपी सांसदों के दम पर सरकार चल रही है.  राष्ट्रपति चुनाव में भी टीडीपी का स्टेक हाई है. लोकसभा के 16 और राज्यसभा के 2 सांसद समेत कुल 18 वोट हैं. धर्मसंकट ये है कि बीजेपी के मित्र दल होने के कारण चंद्रबाबू को एक तेलुगू उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के रहते एक तमिल उम्मीदवार का समर्थन करना पड़ेगा. नायडू कैंप बस ये डिफेंस दे सकता है कि सुदर्शन रेड्डी तेलंगाना के रंगा रेड्डी के रहने वाले हैं तो वो आंध्र के नहीं, तेलंगाना के हुए.  ये भी डिफेंस बनेगा कि जब स्टालिन तमिल सीपीआर के खिलाफ जा सकते हैं तो हम क्यों नहीं. टीडीपी ने कहना शुरू कर दिया है कि अभी भी एनडीए के सीपीआर का ही साथ देगी.

जगन रेड्डी विपक्ष के लिए सॉफ्ट नहीं

बीजेपी के चक्कर में आंध्र में सब कुछ गंवाने के बाद भी जगन रेड्डी विपक्ष के लिए सॉफ्ट नहीं हुए. एक तेलुगू सुदर्शन रेड्डी के नाम का अनाउंसमेंट होने से पहले ही उन्होंने बीजेपी की साइड लेते हुए सीपी राधाकृष्णन के समर्थन का एलान किया था. अब जगन रेड्डी का भी धर्मसंकट ये है कि वो कैसे एक तेलुगू के रहते एक तमिल का समर्थन करेंगे.

वाईएसआरसीपी लोकसभा में टीडीपी के मुकाबले कमजोर है. सिर्फ 4 सांसद हैं लेकिन राज्यसभा में 7 सांसदों के साथ टीडीपी से बड़ी है. दूसरा फैक्टर ये है कि जगन रेड्डी को अपनी ही बिरादरी के सुदर्शन रेड्डी के खिलाफ जाना पड़ेगा. आंध्र प्रदेश में YSRCP का जनाधार ही रेड्डी समुदाय में माना जाता है. सुदर्शन रेड्डी के नाम ने चंद्रबाबू नायडू और जगन मोहन के सपोर्ट बेंस में रेड्डी वाली फीलिंग जगाने का काम करेगी. अब तो पुराने फैसले पर अड़े या यूटर्न लें.

लोकसभा चुनाव के बाद इंडिया अलायंस के बिखराव की चर्चाएं थी. ममता बनर्जी ने पहले ही कन्नी काटी हुई थी. आम आदमी पार्टी ने भी ऑफिशियली इंडिया अलायंस छोड़ने का एलान कर दिया. वोट चोरी का कैंपेन शुरू करके राहुल गांधी विपक्षी एकता के लिए मैग्नेट बन गए. ममता बनर्जी भी अपने लोगों को इंडिया की बैठकों में भेजने लगी. केजरीवाल को रिप्रजेंट करने संजय सिंह भी आने लगे. बाकी तो सब साथ थे ही. चुनाव में जरा भी ऊंच नीच हुई तो खेल होना तय है. 

    follow google news