Pahalgam Attack Planning: जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले से पूरा देश दुख की मार झेल रहा है. इस हमले में अब तक 26 लोगों की मौत और 17 लोग घायल हुए है. घायलों के इलाज के लिए बेहतरीन व्यवस्थाएं की जा रही है जिससे उन्हें जल्द ही ठीक किया जा सका. देश के प्रधानमंत्री मोदी भी लगातार इस पूरे मामले पर अपना नजर जमाए हुए है. पीएम मोदी ने एक्स पर इस हमले की निंदा करते हुए ये भी कह चुके है की दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा. हमला होने के बाद ही इसके तार पाकिस्तान से जुड़ने लगे है. हालांकि इस हमले की जिम्मेदारी की लश्कर-ए-ताइबा की मुखौटा कहे जाने वाली संगठन टीआरएफ ने ली है.
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अब एक और खबर सामने आ रही है जिसमें लश्कर-ए-ताइबा के कमांडर अबू मूसा के कुछ भड़काऊ बयान सामने आए हैं, जिसमें वो कश्मीर में खुलकर आतंक और जिहाद की बात कर रहा है. दरअसल, पीओके(PoK) के रावलकोट के खाई गाला में 18 अप्रैल को एक रैली का आयोजन किया गया था. यह रैली भारतीय सेना द्वारा मारे गए दो लश्कर-ए-ताइबा (LeT) के आतंकवादी आकिफ हलीम और अब्दुल वहाब की याद में रखी गई थी. इस रैली में कई बड़े आतंकी नेताओं की भी मौजूदगी थी. अब बात ये सामने आ रही है कि पहलगाम हमले से कुछ दिन पहले ही इस रैली के आयोजन का क्या मकसद था और क्या इसी जगह ये सारी कहानी लिखी गई थी.
हम गर्दन काटकर लेंगे बदला
इस रैली में लश्कर-ए-ताइबा के कमांडर और जम्मू-कश्मीर यूनाइटेड मूवमेंट(JKUM) के नेता अबू मूसा ने आर्टिकल 370 और 35A को खत्म करके भारत का अपना वर्चस्व स्थापित करने वाली बातों का हवाला देते हुए हमला करने की बात कही. भारतीय खुफिया एजेंसियों से एक सत्यापित वीडियो मूसा ये कहते हुए नजर आ रहा है कि, भारत ने आर्टिकल 370 और 35A हटाकर अपना वर्चस्व कायम करने कि कोशिश की. तुमने डराने के लिए 10 लाख सैनिक तैनात किए. तुम पुलवामा, पुंछ, राजौरी जैसे जगहों पर राम-राम की गूंज चाहते हो न, तो लश्कर-ए-ताइबा इस चुनौती को स्वीकार करता है. मोदी तुमने बंद कमरें से ऑर्डर तो पास कर दिया लेकिन ये सरजमीं मुजाहिदीन की है. आजमकर देख लेना, इंशाल्लाह हम गोलियों की बरसात करेंगे, गर्दन काटेंगे और अपने शहीद भाइयों का बदला लेंगे.
पहलगाम हमले से पहले दिया भाषण
दरअसल, अबू मूसा ने ये बयान पहलगाम हमला से कुछ दिन पहले ही दिया. ये हमला कश्मीर में हुए पर्यटकों पर सबसे बड़े हमलों में से एक है. 18 अप्रैल को जो रैली का आयोजन किया गया था वो एक "श्रद्धांजलि सम्मेलन" के रुप में था. दरअसल, भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन ऑल-आउट के अंतर्गत आकिफ हलीम को 17 मार्च को कुपवाड़ा में राष्ट्रीय राइफल्स की 21वीं बटालियन ने मार गिराया था, जबकि लश्कर और इसके छद्म संगठन पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (PAFF) से जुड़े वहाब को 24 अप्रैल 2024 को सोपोर में एक मुठभेड़ में ढेर किया था. यह रैली दोनों की याद में था और साथ ही दोनों आतंकी एक ही परिवार के थे. इसलिए यहां दिए गए मूसा के बयान से पहलगाम हमले को जोड़ा जा रहा है.
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