ऑनलाइन गेमिंग कानून आने से कौन-कौनसी ऐप बंद होगी? इस बिल को पेश करने की वजह जानिए

Online Gaming Bill 2025: सरकार ने आज यानी 20 अगस्त को Promotion and Regulation of Online Gaming Bill 2025 बिल लोकसभा और राज्सभा में पारित हो गया. एक्ट बनने के बाद कौन-कौन से गेम पर लगाम लगेगी. जानिए इस एक्सप्लेनर में...

online gaming bill 2025
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20 Aug 2025 (अपडेटेड: 20 Aug 2025, 08:39 PM)

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Online Gaming Bill 2025: देश में ऑनलाइन सट्टेबाजी और गेमिंग ऐप का बाजार तेजी से उभर रहा है. अब केंद्र सरकार इसे रेगुलेट करने के लिए एक कानून लेकर आ रही है. सरकार ने आज यानी 20 अगस्त को लोकसभा में Promotion and Regulation of Online Gaming Bill 2025 बिल पेश किया. यह बिल बिना चर्चा के लोकसभा में पारित हो गया. फिर राज्यसभा से विपक्ष के वाकआउट के बावजूद बिल पास हो गया. 

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अब जल्द ही ये एक्ट बन जाएगा. अब जल्द ही देश में चल रही तमाम ऑनलाइन कैश गेम्स (जैसे: ड्रीम-11, My 11 Circle, पोकर, रमी) पर लगाम लग जाएगी और  इन गेम्स को प्रमोशन करना भी गैर कानूनी होगा. यह मसौदा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने तैयार किया है.

इसके बाद लोगों के मन में सवाल है कि क्या सभी ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन कैश गेम्स पर रोक लग जाएगी. आइए आज के इस एक्सप्लेनर के जरिए इस बिल से जुड़े 5 महत्वपूर्ण सवालों के जवाब जानते हैं...

1. किन गेम्स पर पड़ेगा असर?

2. नए कानून में क्या है सजा का प्रावधान?

3. बिल लाने की वजह क्या है?

4. गेमिंग इंडस्ट्री पर क्या होगा असर?

5.किसको होगा नुकसान?

किन गेम्स पर पड़ेगा असर?

इस कानून का सीधा प्रभाव उन गेम्स पर होगा जहां लोग पैसे लगाते हैं, जैसे कि Dream 11, MY11Circle, Khelo Fantasy, WinZO और Games24x7 आदि. इन प्लेटफ़ॉर्म्स पर उपयोगकर्ता अपनी टीम बनाते हैं और पैसे लगाकर जीतते हैं. अब ऐसा करना सट्टेबाजी के दायरे में आ जाएगा. 

वहीं, Free Fire Max, BGMI और इसी तरह के अन्य गेम्स पर कोई असर नहीं होगा. इन गेम्स में कुछ इन-गेम परचेज होते हैं, लेकिन उनका उपयोग सट्टेबाजी के लिए नहीं किया जाता है, इसलिए ये पहले की तरह ही खेले जा सकेंगे.

अगर किसी गेम को खेलने के लिए आपको सब्सक्रिप्शन खरीदना पड़ता है (जैसे कि सुपर मारियो) तो यह सट्टेबाजी के दायरे में नहीं आएगा. यह बिल उन गेम्स पर लागू होगा जहां पैसे लगाकर टीम बनाई जाती है और जीतने पर और अधिक पैसे मिलते हैं.

क्या है सजा का प्रावधान?

- रियल-मनी गेम चलाने या कोई सेलिब्रिटी-इन्फ्लुएंसर्स उनका विज्ञापन करता है तो 3 साल तक की जेल और 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगेगा.

- एक नई अथॉरिटी का गठन होगा जो ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को नियंत्रित करेगी और यह तय करेगी कि कौन सा गेम रियल-मनी के दायरे में आता है. सरकार इन गेमिंग प्लेटफॉर्म पर लेन-देन रोकने का आदेश दे सकती है.

- PUBG और Free Fire जैसे बिना पैसे वाले ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को इस बिल से छूट मिलेगी है और सरकार इन्हें बढ़ावा देगी.

बिल लाने की वजह क्या है?

इस बिल को लेकर सरकार का कहना है कि मनी-बेस्ड ऑनलाइन गेमिंग से लोगों को भारी नुकसान हो रहा है. गेमिंग की लत के कारण कई लोगों ने अपनी जमा-पूंजी गंवा दी है, और कुछ मामलों में तो आत्महत्या तक की खबरें सामने आई हैं. इसके अलावा, सरकार को मनी लॉन्ड्रिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं भी हैं. जिन पर लगाम कसने के लिए यह कानून लाया जा रहा है.

पहले भी हुए हैं प्रयास

केंद्र सरकार पहले भी ऑनलाइन सट्टेबाजी को रेगुलेट करने के लिए कदम उठा चुकी है. मार्च 2025 में वित्तीय लेनदेन और यूजर का डेटा सुरक्षित रखने के लिए नियम बनाए गए थे. भारतीय न्याय संहिता में अनधिकृत सट्टेबाजी के लिए सात साल की जेल और जुर्माने का प्रावधान पहले से मौजूद है.

अप्रैल 2023 में IT मिनिस्टरी ने ऑनलाइन गेमिंग के कुछ नियम पेश किए थे, जिन्हें मोटे तौर पर उद्योग-हितैषी माना गया था. लेकिन वह लागू नहीं हो पाए थे. 

गेमिंग इंडस्ट्री पर क्या होगा असर?

यदि यह कानून लागू होता है, तो भारत का ऑनलाइन गेमिंग उद्योग को बड़ा झटका लग सकता है. जिसके 2029 तक 9 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. इस उद्योग पर पहले से ही 28 प्रतिशत जीएसटी लागू है और इसे 40 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रस्ताव भी है. 

किसको होगा नुकसान?

फिक्की और ईवाई की मार्च 2025 की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में ऑनलाइन गेमिंग का बाजार करीब 22,468 करोड़ रुपए का है, जिसमें से 86% कमाई रियल-मनी गेम्स से होती है. इस बैन से ड्रीम11, गेम्स24x7 और WinZO जैसी बड़ी कंपनियां मुश्किल में पड़ सकती हैं. औसतन, लगभग 11 करोड़ लोग रोजाना ये गेम खेलते हैं. इंडस्ट्री के जानकारों के अनुसार, इस कदम से 2 लाख से ज्यादा नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं और सरकार को भी करोड़ों रुपए के टैक्स का नुकसान होगा.

गेमिंग इंडस्ट्री की बड़ी संस्थाओं AIGF, FIFS और EGF ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है. उनका कहना है कि इससे 400 से ज्यादा कंपनियां बंद हो सकती हैं और लाखों नौकरियां चली जाएंगी. साथ ही, खिलाड़ी टैक्स न देने वाले विदेशी प्लेटफॉर्म्स की ओर शिफ्ट हो सकते हैं.

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