कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी, जिन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में प्रेस को किया ब्रीफ

Who is Colonel Sofia Qureshi: पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को उसकी नापाक हरकत का करारा जवाब दिया है. भारतीय सेना ने आज सुबह करीब डेढ़ बजे सीमा पार जाकर एयर स्ट्राइक की है.

Who is Colonel Sofia Qureshi

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NewsTak

07 May 2025 (अपडेटेड: 07 May 2025, 11:39 AM)

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Who is Colonel Sofia Qureshi: पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को उसकी नापाक हरकत का करारा जवाब दिया है. भारतीय सेना ने आज सुबह करीब डेढ़ बजे सीमा पार जाकर एयर स्ट्राइक की है. इस साहसिक कार्रवाई में पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (POK) में स्थित आतंकियों के 9 ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिसमें लगभग 90 आतंकी ढेर हो गए.

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इस सफल 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारतीय सेना ने एक महत्वपूर्ण संदेश देने के लिए मीडिया को संबोधित किया. इस ब्रीफिंग में विदेश सचिव के साथ सेना की दो जांबाज महिला अधिकारी शामिल हुईं. भारत ने इस मीडिया ब्रीफ के माध्यम से पाकिस्तान को यह स्पष्ट संकेत दिया कि उनकी कायराना हरकतों का जवाब देने के लिए भारत की नारी शक्ति ही पर्याप्त है. इस ब्रीफिंग में भारतीय सेना की ओर से कर्नल सोफिया कुरैशी और भारतीय वायुसेना की तरफ से विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने हिस्सा लिया.

कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी

भारतीय सेना की वीर महिला अधिकारियों में कर्नल सोफिया कुरैशी का नाम इतिहास के पन्नों पर स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो चुका है. वह भारतीय सेना की पहली महिला अधिकारी हैं, जिन्होंने एक अंतरराष्ट्रीय पुरुष सैन्य टुकड़ी की कमान संभालकर इतिहास रचा था.

1981 में गुजरात के वडोदरा में जन्मी कर्नल सोफिया भारतीय सेना की सिग्नल कोर (Corps of Signals) से जुड़ी हुई हैं. उन्हें वर्ष 2016 में संयुक्त राष्ट्र के शांतिरक्षा मिशन के तहत कांगो में तैनात किया गया था. इस महत्वपूर्ण मिशन में भारत सहित कुल 7 देशों की सेनाएं शामिल थीं, और भारतीय टुकड़ी का नेतृत्व कर्नल सोफिया कुरैशी को सौंपा गया था, जो अपने आप में एक अभूतपूर्व और ऐतिहासिक निर्णय था.

उन्होंने अपनी प्रारंभिक सैन्य शिक्षा ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (OTA), चेन्नई से पूरी की. अपने प्रशिक्षण के दौरान ही उन्होंने अपने असाधारण नेतृत्व कौशल और तकनीकी दक्षता का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करने का यह गौरवपूर्ण अवसर प्राप्त हुआ.

कर्नल सोफिया का यह नेतृत्व केवल एक मिशन तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि इसने भारतीय सेना में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और उनकी अद्वितीय क्षमता को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान दिलाई. उनके इस महत्वपूर्ण योगदान को न केवल सेना के उच्च अधिकारियों ने सराहा, बल्कि संयुक्त राष्ट्र ने भी उनकी कर्तव्यनिष्ठा और नेतृत्व क्षमता की प्रशंसा की.

उनकी यह ऐतिहासिक उपलब्धि इस बात का जीवंत प्रमाण है कि भारतीय महिलाएं आज हर चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं, चाहे वह युद्ध का मैदान हो या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व की जिम्मेदारी.

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