जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने आंतक के खिलाफ बड़ी कामयाबी हासिल की है. दरअसल आज यानी 28 जुलाई की सुबह ऑपरेशन महादेव के तहत सुरक्षाबलों ने पहलगाम आतंकी हमले के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा का टॉप कमांडर सुलेमान शाह उर्फ हाशिम मूसा को दाचीगाम के जंगलों में हुए एनकाउंटर में मार गिराया है.
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इस मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी (मूसा) को लंबे समय से सुरक्षा एजेंसियां ढूंढ रही थीं. उसे घाटी में लश्कर की आतंकी गतिविधियों का प्रमुख चेहरा माना जाता था. सुरक्षाबलों के अनुसार मूसा न केवल पहलगाम हमले का मुख्य साजिशकर्ता था, बल्कि सोनमर्ग टनल अटैक में भी उसकी भूमिका अहम मानी जा रही थी.
कौन है हशिम मूसा
मूसा पहलगाम में हुए आतंकि हमले में शामिल था. हालांकि इससे पहले से ही उसके सिर पर 20 लाख रुपये का इनाम है. वहीं पहलगाम अटैर के बाद से खुफिया एजेंसियां उसे लगातार ढूंढ़ने रही थी.
रिपोर्ट्स के अनुसार, मूसा पाकिस्तानी आर्मी का स्पेशल फोर्स का पूर्व पैरा कमांडो रह चुका है. वहीं आधुनिक हथियारों के साथ वह दहशत फैलाने के लिए लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर काम करता था.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मूसा TRF (द रेजिस्टेंस फ्रंट) और लश्कर-ए-तैयबा दोनों के लिए काफी एक्टिवली काम कर रहा था. घाटी में युवाओं को भड़काने, आतंकियों को शरण देने और आतंकी हमलों की साजिश रचने में उसका अहम रोल था.
मूसा की मौत सुरक्षाबल के लिए बड़ी जीत
मूसा की मौत जम्मू कश्मीर घाटी में आतंक के नेटवर्क को कमजोर करने की दिशा में एक बड़ी जीत बताई जा रही है. इस ऑपरेशन के बाद इलाके में सुरक्षा व्यवस्था और सख्त कर दी गई है और सर्च ऑपरेशन अब भी जारी है.
वहीं इस पूरे सर्च ऑपरेशन के दौरान स्थानीय प्रशासन की तरफ से उस इलाके के आम नागरिकों को दूर रहने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की गई है. ऑपरेशन महादेव को अब तक का सबसे सटीक और सफल अभियान बताया जा रहा है, जिससे घाटी में दहशत फैलाने की कोशिशें बुरी तरह नाकाम हो गई हैं.
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