Who is Sushila Karki: नेपाल में चल रहे सियासी उथल-पुथल के बीच पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने की चर्चा तेज हो गई है. कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में चुन लिया गया है. अगर प्रस्ताव अंतिम मुहर लग जाती है तो 72 वर्षीय कार्की नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रचेंगी. इससे पहले 2016 में वह नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बन चुकी हैं.
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Gen Z की वर्चुअल मीटिंग में फैसला
8 और 9 सितंबर को नेपाल में Gen Z के उग्र प्रदर्शनों के बाद केपी शर्मा ओली की सरकार गिर गई. कई मंत्रियों और खुद ओली को इस्तीफा देना पड़ा. राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के इस्तीफे की अफवाहें भी उड़ीं लेकिन सेना ने इसका खंडन किया.
इसके बाद 10 सितंबर को Gen Z आंदोलनकारियों ने एक वर्चुअल मीटिंग बुलाई, जिसमें 5,000 से अधिक लोग शामिल हुए. इस मीटिंग में अंतरिम प्रधानमंत्री के लिए उम्मीदवारों पर चर्चा हुई.
वर्चुअल मीटिंग में काठमांडू के मेयर बालेन शाह के नाम पर चर्चा हुई लेकिन युवाओं ने इस नाम पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. जिसके बाद सुशीला कार्की, कुलमान घिसिंग, सागर ढकाल, हरका सम्पांग और यूट्यूबर रैंडम नेपाली के नामों पर चर्चा हुई. इंडिया टुडे के पत्रकार सुबोध कुमार को आंदोलन के एक प्रतिनिधि ने बताया कि सुशीला कार्की को सबसे अधिक समर्थन मिला.
रिपोर्ट्स के अनुसार, कार्की ने कहा था कि वह अंतरिम प्रधानमंत्री का पद तभी स्वीकार करेंगी, जब उन्हें 1,000 हस्ताक्षरों के साथ लिखित समर्थन मिलेगा. अब खबर है कि उन्हें 2,500 से अधिक हस्ताक्षर प्राप्त हो चुके हैं.
हालांकि, कार्की का प्रधानमंत्री बनना अभी पक्का नहीं है. उन्हें पहले सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल से मुलाकात करनी होगी. इसके बाद राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल की मंजूरी भी जरूरी होगी. मंजूरी मिलने के बाद ही वह शपथ ले सकेंगी.
कौन हैं सुशीला कार्की?
सुशीला कार्की का जन्म 7 जून 1952 को नेपाल के विराटनगर में हुआ था. वे नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रहीं, जिन्होंने 11 जुलाई 2016 से 6 जून 2017 तक यह जिम्मेदारी संभाली. उन्होंने 1979 में वकालत शुरू की और 2009 में नेपाल सुप्रीम कोर्ट में जज बनीं. 2016 में मुख्य न्यायाधीश बनकर उन्होंने इतिहास रचा. उनके कार्यकाल में भ्रष्टाचार, चुनावी विवाद और संवैधानिक मामलों पर साहसिक फैसले चर्चा में रहे.
सुशीला कार्की का भारत से खास रिश्ता है. उन्होंने 1973-74 में वाराणसी के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से राजनीति शास्त्र में मास्टर्स किया और टॉपर रहीं. BHU में पढ़ाई के दौरान उनकी मुलाकात दुर्गा प्रसाद सुबेदी से हुई, जो बाद में उनके पति बने.
पति का रहा है राजनीतिक इतिहास
सुशीला कार्की के पति दुर्गा प्रसाद सुबेदी भी नेपाल की राजनीति से जुड़े रहे हैं. उन्होंने 1973 में एक विमान अपहरण किया था, जिसमें 32 लाख रुपए की नकदी थी. इस हाइजैक के पीछे का उद्देश्य तत्कालीन राजा महेंद्र की सरकार को गिराना था. बाद में आपातकाल के दौरान भारत में उनकी गिरफ्तारी हुई थी. सुशीला और दुर्गा प्रसाद की मुलाकात भी वाराणसी में पढ़ाई के दौरान ही हुई थी.
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