रात 1:30 बजे क्यों किया गया था ऑपरेशन सिंदूर? CDS अनिल चौहान ने खोला राज

Operation Sindoor: CDS अनिल चौहान ने बताया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' में पाकिस्तान पर हवाई हमला रात 1:30 बजे इसलिए किया गया, ताकि नागरिकों को कोई नुकसान न हो. उन्होंने कहा कि सेना में सिर्फ काबिलियत की पहचान होती है और यह प्राकृतिक आपदाओं में भी लोगों की सुरक्षा के लिए हमेशा तैयार रहती है.

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CDS Anil Chauhan

न्यूज तक डेस्क

19 Sep 2025 (अपडेटेड: 19 Sep 2025, 08:48 AM)

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Operation Sindoor: चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने रांची में आयोजित एक कार्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर के बारे में कुछ अहम जानकारी दी. उन्होंने बताया कि क्यों रात 1:30 बजे आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमला किया गया. इसके साथ ही उन्होंने सेना में नेपोटिज्म न होने की बात भी कही और प्राकृतिक आपदाओं में सेना के योगदान का ज्रिक किया.

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रात को क्यों हुआ ऑपरेशन सिंदूर?

जनरल चौहान ने बताया कि 7 मई की रात 1:00 से 1:30 बजे के बीच भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के पहलगाम आतंकी हमले का जवाब देने के लिए आतंकवादी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी. इस समय को चुनने के पीछे दो मुख्य कारण थे. पहला, सेना को अपनी एडवांस तकनीक और खुफिया जानकारी पर पूरा भरोसा था. रात के अंधेरे में भी सैटेलाइट इमेजरी और अन्य तकनीकों के जरिए सटीक निशाना लगाया जा सकता था. 

दूसरा और सबसे महत्वपूर्ण कारण था नागरिकों की सुरक्षा. जनरल चौहान ने बताया कि अगर यह हमला सुबह 5:30 से 6:00 बजे के बीच किया जाता, जब पहली नमाज का समय होता है तो बहावलपुर और मुरिदके जैसे इलाकों में नागरिकों की मौजूदगी के कारण जान-माल का नुकसान हो सकता था. इसलिए रात 1:30 बजे का समय चुना गया ताकि नागरिकों को कोई खतरा न हो.

सेना में नेपोटिज्म का कोई स्थान नहीं

कार्यक्रम के दौरान जनरल चौहान ने कहा कि सेना एकमात्र ऐसी संस्था है जहां नेपोटिज्म यानी भाई-भतीजावाद का कोई स्थान नहीं है. यहां केवल योग्यता और कार्यकुशलता की कद्र होती है. 

प्राकृतिक आपदाओं में सेना का योगदान

जनरल चौहान ने इस साल आई प्राकृतिक आपदाओं का भी जिक्र किया. उन्होंने बताया कि 2025 में प्राकृतिक आपदाओं की संख्या में वृद्धि देखी गई. इन आपदाओं के दौरान भारतीय सेना ने नागरिकों की जान बचाने और राहत कार्यों में अहम भूमिका निभाई. सेना ने हर संभव प्रयास किया ताकि लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके.

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