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रेप, हत्या, चोरी-डकैती, भ्रष्टाचार-वकील न जाने कितने और कैसे-कैसे केस लड़ते हैं. कोई जीतता है, कोई हारता जाता है. केस जीतने पर वकील साहब की वकालत और चमक जाती है. केस हारने के बाद भी वकील साहब का कुछ नहीं बिगड़ता. फीस पूरी मिलती है. केस हार गए तो कोई जिम्मेदारी भी नहीं. कोई पूछ नहीं सकता कि केस हारे क्यों. हो सकता है आने वाले समय में ये स्थिति न रहे.
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