लालू-तेजस्वी-ललन सिंह बयानबाजी तो सभी कर रहे हैं लेकिन सिर्फ नो-नो की पॉलिटिक्स, एक सिरे से खारिज कोई नहीं कर रहा है. ऐसे नो-नो ही बात को नीतीश कुमार जब भी पाला पलटे हैं तभी भी कुछ ऐसी ही कहानी दिखती रही है. ऐसे में नीतीश कुमार की खामोशी को आसानी से टाल देना भी ठीक नहीं.
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