असम के प्रोफेसर देबाशीष भट्टाचार्य ने बताया कि हम पेड़ के नीचे छिपे हुए थे. मैंने वहां आसपास कुछ लोगों को कलमा पढ़ते हुए सुना. मैं भी उन लोगों में शामिल हो गया. तभी एक आतंकवादी मेरे पास आया, फिर उसने मेरी तरफ देखा और पूछा- क्या कर रहे हो, ये क्या बोल रहे हो? देबाशीष भट्टाचार्य ने बताया कि वो और उनकी पत्नी असम विश्वविद्यालय के बंगाली डिपार्टमेंट में कार्यरत है. वह अपनी पत्नी और बेटे के साथ कश्मीर गए थे. जिस वक्त पहलगाम में आतंकी हमला हुआ, तब वह उसी जगह पर मौजूद थे. #PahalgamTerrorAttack #ProfessorDebashisBhattacharya
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