शांतनू नायडू को रतन टाटा के निधन के लगभग 4 महीनों के बाद उनके साथी शांतनू को टाटा मोटर्स में मिली है बड़ी जिम्मेदारी और साथ ही मिला है वफादारी और दोस्ती का ईनाम.. साये की तरह आखिरी समय तक रतन टाटा के साथ रहे वाले शांतनु को उनकी दोस्ती का इनाम रतन टाटा ने दुनिया को अलविदा कहते-कहते भी दिया था और अपनी वसीयत में शामिल किया था... ज्यादातर दोनों जब नजर आए एक साथ नजर आए... कैसे सड़क पर आवारा कुत्तों के जरिए हुई दोनों की मुलाकात और कैसे एक अजनबी से शांतनू बने रतन सर के जिगरी दोस्त और अब उन्हें क्या मिली है बड़ी जिम्मेदारी...
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