2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एमके स्टालिन ने तमिल प्राइड का ऐसा मुद्दा बनाया है जिसमें बीजेपी फंस गई है. स्टालिन जितना तमिल, तमिल कर रहे हैं बीजेपी उतनी हिंदी, हिंदी कर रही है. स्टालिन ने तमिल के सम्मान के लिए जबरन हिंदी थोपने के बीजेपी के एजेंडे के खिलाफ जोरदार मोर्चा खोला हुआ है. अपना मेडिकल एक्जाम, अपनी तमिल करेंसी के बाद स्टालिन ने ऐसा कदम उठाए जिसे उठाने की कोई हिम्मत नहीं करता. स्टालिन ने जिद ठानी है तमिलनाडु की स्वायतत्ता यानी autonomy की.
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