पहलगाम आतंकी हमले में हिंदुओं को चुन चुनकर टारगेट करने से हर कोई दहल गया. पता चला कि हिंदू मुस्लिमों को अलग-अलग होने को कहा गया. जिसने अपने आपको मुसलमान बताया उसे भी कलमा पढ़ने को कहा गया. वो कलमा जिसे आस्था की एक पवित्र इस्लामी अभिव्यक्ति माना गया है. कोई बच्चा पैदा होता है तो ये कलमा उसके कान में कहा जाता है। दिन की पांच वक्त की नमाज में कलमा दोहराए जाते हैं। वही कलमा पढ़वाकर आतंकी पहलगाम में मौजूद मुसलमानों को अलग करके हिंदुओं की पहचान करना चाह रहे थे. उससे भी कन्विंस नहीं हुए तो पुरुषों के कपड़े उतरवाई गई. इंदौर के क्रिस्चियन परिवार का दावा है कि वहां मौजूद कुछ टूरिस्ट ने जब मुसलमान होने का दावा किया तो उनकी पैंट उतरवाकर चेक किया गया कि क्या उनका खतना हुआ है. #pahalgamterrorattack #pahalgam #srinagar
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