ये हैं सज्जाद अहमद भट्ट. पहलगाम में शॉल बेचते हैं. पहलगाम का चप्पा चप्पा जानते हैं. उसी खूबसूरत पहलगाम की आबोहवा, लोगों, रास्तों से सज्जाद का दिल का नाता है. 22 अप्रैल को जब मिनी स्विट्जरलैंड कहे जाने वाली बैसरन घाटी खून से लथपथ थी, सज्जाद अहमद भट्ट ने समझदारी और बहादुरी का परिचय दिया. उनकी समझदारी और बहादुरी दिखती है इस 11 सेकेंड की क्लिप में जिसमें सज्जाद एक बच्चे को अपने कंधे पर लादकर कठिन रास्तों से निकालते हुए ले जा रहे हैं. ये क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल है.
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