31 अक्टूबर, 1984 को सिक्योरिटी गार्ड्स ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की गोली मारकर हत्या की थी. हत्या करने वाले गार्ड्स बेअंत सिंह और सतवंत सिंह सिख थे. हत्या के अगले दिन यानी 1 नवंबर को बदला लेने के लिए गुस्सा सिखों पर बरपा. दिल्ली समेत देश के कई शहरों में दंगे हुए, सिखों को निशाना बनाया गया. कत्लेआम हुआ. दिल्ली में 2800 और देश भर में करीब 3500 लोग मारे गए थे.
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