पीएम मोदी को मिले उपहारों की नीलामी से होने वाली कमाई का क्या होता है?

नीलामी में बोली के मामले में टॉप पर भारतीय चित्रकार परेश मैती की बनारस के घाट की पेंटिंग है. इसकी बोली 74.5 लाख रुपये तक गई है. पेंटिंग में भारत की प्राचीन संस्कृति के साथ-साथ मॉडर्न आकांक्षाओं का रिफ्लेक्शन है.

PM Modi receiving Model of Ram Mandir, Photo from website of Ministry of Jal Shakti
PM Modi receiving Model of Ram Mandir, Photo from website of Ministry of Jal Shakti

अभिषेक

24 Oct 2023 (अपडेटेड: 24 Oct 2023, 01:08 PM)

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिले उपहारों की नीलामी एक बार फिर शुरू है. यह नीलामी का पांचवां संस्करण है. इस बार नीलामी की शुरुआत 1 अक्टूबर को हुई, जो 31 अक्टूबर तक चलेगी. इस बार के ऑक्शन में PM को तोहफे में मिलीं पेंटिंग्स, मोनुमेन्टस और खेलों से संबंधित चीज़े हैं. यह ऑक्शन संस्‍कृति मंत्रालय सिर्फ ऑनलाइन करता है. आप भी  http://Pmmementos.gov.in की वेबसाइट पर जाकर इसमें हिस्सा ले सकते हैं. अब सवाल यह है कि इस नीलामी से जो कमाई होती है, उस पैसे का क्या किया जाता है?

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सरकार के मुताबिक नीलामी से मिली राशि को नमामि गंगे परियोजना में लगाया जाता है. इस परियोजना की शुरुआत 2014 में हुई थी. यह परियोजना मोदी सरकार की फ्लैगशिप स्कीम है. यह परियोजना 20 हजार करोड़ की शुरुआती राशि के साथ शुरू हुई थी. इसका उद्देश्य राष्ट्रीय नदी ‘गंगा’ को प्रदूषण मुक्त बनाने के साथ-साथ उसका संरक्षण करना है. बजट 2023 में इस योजना के विस्तार के लिए 22500 करोड़ रुपये का प्रावधान साल 2026 तक के लिए किया गया है.

 

इन तोहफों पर लगी सर्वाधिक बोली

नीलामी में बोली के मामले में टॉप पर भारतीय चित्रकार परेश मैती की बनारस के घाट की पेंटिंग है. इसकी बोली 74.5 लाख रुपये तक गई है. पेंटिंग में भारत की प्राचीन संस्कृति के साथ-साथ मॉडर्न आकांक्षाओं का रिफ्लेक्शन है. प्रधानमंत्री को भेंट में मिले भाला (जेवलिन) को भी ऑक्शन में रखा गया है. यह भाला नीरज चोपड़ा को जेवलिन थ्रो गेम में मिले ओलंपिक स्वर्ण पदक को दर्शाता है. 3.4 लाख के बेस प्राइस वाले जेवलिन की बोली अबतक 15 लाख रुपये तक जा चुकी है.

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