News Tak: महाराष्ट्र में 2359 ग्राम पंचायतों और 130 सरपंच के पदों के लिए 5 नवंबर को मतदान हुए. इसकी मतगणना सोमवार से चल रही है. अबतक के नतीजों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में अपने चाचा शरद पवार से बगावत कर अलग होने वाले अजित पवार भारी पड़ते दिखे हैं. अजित पवार ने NCP प्रमुख शरद पवार के गढ़ में ही उनका सूपाड़ा साफ कर दिया है. शिवसेना(शिंदे गुट), भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और NCP के अजित पवार गुट वाले महायुति गठबंधन ने इस चुनाव में शानदार जीत हासिल की है. वैसे यह भी जान लीजिए कि पंचायत चुनाव किसी पार्टी के चिन्ह पर नहीं लड़े जाते, लेकिन उम्मीदवार जरूर पार्टी समर्थित होते हैं.
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शरद पवार के गढ़ बारामती में ऐसा रहा रिजल्ट
बारामती NCP प्रमुख शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के लोकसभा क्षेत्र में पड़ता है. यह पुणे में है. यहां उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपने ही चाचा शरद पवार को पटखनी दे दी है. पीटीआई भाषा की रिपोर्ट के मुताबित अजित गुट की NCP ने यहां की 32 ग्राम पंचायतों में से 30 पर जीत हासिल करते हुए क्लीन स्वीप कर दिया है. ये भी दावा किया जा रहा है कि शरद पवार को इन सीटों पर कैंडिडेट्स तक नहीं मिले.
महाराष्ट्र की 2359 ग्राम पंचायतों में से अबतक बीजेपी ने 778, शिवसेना(शिंदे गुट) ने 301 और NCP(अजित गुट) ने 407 सीटें जीती है. राज्य की वर्तमान सरकार में ये तीनों दल ‘महायुति गठबंधन’ में एकसाथ है. तीनों ने मिलकर 1486 पंचायतों में जीत दर्ज की है. दूसरी तरफ महाविकास आघाडी के घटक दल कांग्रेस ने 287, NCP(शरद पवार गुट) ने 144 और शिवसेना(उद्धव गुट) ने 115 ग्राम पंचायतों पर जीत हासिल की है. वहीं 327 ग्राम पंचायतों पर इंडिपेंडेंट उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है. गढ़चिरौली की 39 ग्राम पंचायतों के परिणाम आने अभी बाकी हैं. परिणामों से यह क्लियर है कि बीजेपी समर्थित महायुति गठबंधन ने कांग्रेस के महाविकास अघाड़ी से लगभग तीन गुना अधिक सीटें जीतते हुए पंचायत स्तर पर भी प्रदेश में मजबूत स्थिति में है.
INDIA अलायंस के लिए है चिंता की बात
शरद पवार की पार्टी में पड़ी फूट के बाद रूरल महाराष्ट्र में यह पहला बड़ा चुनाव था. इस चुनावी नतीजें ने बीजेपी समर्थित महायुति के हौसले बढ़ा दिए हैं. महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे ने अब ये दावा कर दिया है कि 2024 के चुनावों में यह गठबंधन 48 में 45 सीटें जीतेगा. उधर, शरद पवार का अपने गढ़ में कमजोर दिखना विपक्षी गठबंधन के साथ इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (INDIA) के लिए भी चिंता की बात है. हालिया सर्वे इस ओर इशारा कर रहे थे कि एनसीपी में फूट के बावजूद महाविकास अघाडी की 2024 की चुनावी संभावनाएं ठीक हैं. पर पंचायत चुनावों के परिणामों ने इस सोच को एक झटका जरूर दिया है.
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