Ajit Pawar: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(NCP) के अजित पवार ने महाराष्ट्र में आगामी विधान परिषद (MLC) और फिर अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर रणनीति बनानी शुरू कर दी है. बीते दिन यानी सोमवार को बजट सत्र के बीच अजित पवार खेमे ने सभी विधायकों की मौजूदगी में एक बैठक की और आगामी चुनाव पर चर्चा की. इन्हीं सब के बीच एक दिलचस्प बात यह निकल कर आई है कि, अजित पवार ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए नरेश अरोड़ा को चुनावी रणनीतिकार के रूप में नियुक्त किया है. नरेश अरोड़ा डिजाइन बॉक्स्ड कंपनी के को-फाउंडर है. यह कंपनी राजस्थान और कर्नाटक समेत कई राज्यों में कांग्रेस के इलेक्शन कैंपेन का मैनेजमेंट किया है.
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इस बैठक में उपमुख्यमंत्री और NCP प्रमुख अजित पवार, कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल, प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे, छगन भुजबल, रामराजे निंबालकर, हसन मुश्रीफ, दिलीप वालसे पाटिल जैसे अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थिति रहे.
जनता को सरकार की खूबियां बताएं
सूत्रों के अनुसार, पार्टी वोटर्स तक पहुंचने के लिए '90 दिन' की योजना बनाई है. संगठन ने तय किया है कि अजित पवार को पार्टी के नेता के रूप में ब्रांडिंग और मेक-ओवर पर भी काम किया जाएगा, जिसमें प्रशासन पर उनकी पकड़, अपने शब्दों पर कायम रहना, अपने सभी वादों को पूरा करना, पार्टी कैडर के लिए उपलब्ध रहना और पार्टी के लिए काम करना जैसी उनकी खूबियों के बारे में बताया जाएगा. विधायकों से कहा गया कि वे विपक्ष के किसी भी फर्जी बयान के जाल में ना फंसें. इसके बजाय योजनाओं को जमीन पर पहुंचाने और बढ़ावा देने और सिर्फ विकास के एजेंडे पर ध्यान केंद्रित करने की दिशा में काम करें.
महाराष्ट्र में NDA का हिस्सा है NCP
आपको बता दें कि अजित पवार की एनसीपी महाराष्ट्र में एनडीए सरकार का हिस्सा है. शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री हैं. जबकि बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस और एनसीपी प्रमुख अजित पवार डिप्टी सीएम हैं. फडणवीस के पास गृह मंत्रालय और अजित के पास वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी है. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में एनडीए ने महाराष्ट्र में 48 में से सिर्फ 17 सीटों पर जीत हासिल की है. जबकि इंडिया ब्लॉक में शामिल कांग्रेस ने 13, उद्धव गुट ने 9, शरद पवार गुट ने 8 सीटें जीती हैं. एक निर्दलीय चुनाव जीता है.
अजित गुट को है 41 विधायकों का समर्थन
288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में NCP के दोनों गुटों के 53 विधायक हैं. जुलाई 2023 में अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार से बगावत की और एनडीए सरकार में शामिल हो गए थे. अजित के साथ 8 विधायकों ने मंत्रिपद की शपथ ली थी. अजित कैंप का दावा है कि उनके पास 41 विधायकों का समर्थन है. जबकि शरद पवार गुट को 12 विधायकों का समर्थन प्राप्त है.
2023 में दो फाड़ हो गई थी NCP
जुलाई 2023 से दोनों नेताओं के बीच गुटबाजी चल रही है. चुनाव आयोग ने अजित पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी गुट को 'असली' घोषित किया है. इसका मतलब यह हुआ कि अजित को पार्टी का नाम और घड़ी का चुनाव चिन्ह मिल गया. चुनाव आयोग के फैसले के बाद शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट को नया नाम 'राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार' मिला है.
वहीं, सोमवार को चुनाव आयोग ने आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार को चंदा स्वीकार करने की अनुमति दी है. शरद खेमे ने चुनाव आयोग से जनता से स्वैच्छिक योगदान स्वीकार करने के लिए पार्टी की स्थिति को प्रमाणित करने का अनुरोध किया था.
रिपोर्ट- ऋत्विक भालेकर
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