By Poll Election Results: देश के चार राज्यों, पंजाब, गुजरात, केरल और पश्चिम बंगाल की पांच विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों ने भारतीय राजनीति में नया मोड़ ला दिया है. एक ओर जहां आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की सियासी वापसी हुई है.
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वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस को केरल में बड़ी जीत मिली. इस जीत का श्रेय प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) की सक्रियता और रणनीति को दिया जा रहा है. वहीं बीजेपी को गुजरात और बंगाल में झटका लगा है. इससे 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले कई सवाल खड़े कर दिए हैं.
अरविंद केजरीवाल की राज्यसभा रणनीति
लुधियाना पश्चिम सीट पर AAP के संजीव अरोड़ा की जीत ने पार्टी को नई ऊर्जा दी है. वो पहले से राज्यसभा सांसद थे. लेकिन अब लोकसभा चुनाव जीत गए हैं. इससे उनकी राज्यसभा सीट खाली हो जाएगी. AAP के लिए यह सीट अरविंद केजरीवाल के लिए सुनहरा मौका हो सकती है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद केजरीवाल को एक नई सियासी पहचान चाहिए. ऐसे में राज्यसभा में अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह के साथ मिलकर पार्टी की आवाज बुलंद कर सकते हैं.
गुजरात में AAP की बड़ी जीत, बीजेपी को झटका
गुजरात की विशावदर सीट पर AAP ने बीजेपी को करारा झटका दिया. इस सीट पर AAP के गोपाल इटालिया ने बीजेपी के कीर्ति पटेल को 17554 वोटों से हराया. यह सीट पहले AAP के भूपेंद्र भयानी ने जीती थी, जो बाद में बीजेपी में शामिल हो गए थे. इस जीत ने AAP को गुजरात में अपनी सियासी ताकत का अहसास कराया, जबकि बीजेपी की रणनीति को धक्का लगा. कांग्रेस का प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहा. इससे राहुल गांधी की गुजरात में पुनर्जनन की कोशिशों पर भी सवाल उठे.
प्रियंका गांधी की केरल में पहली बड़ी जीत
केरल की नीलांबुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने 11,077 वोटों से जीत हासिल की. यह सीट पहले CPM समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार के पास थी. प्रियंका गांधी के लिए यह जीत एक बड़ी उपलब्धि है, खासकर तब जब अगले साल केरल में विधानसभा चुनाव होने हैं. इस जीत ने कांग्रेस को उत्साह दिया है और प्रियंका की नेतृत्व क्षमता को नई पहचान मिली है. बीजेपी इस सीट पर चौथे स्थान पर रही, जिससे उसकी रणनीति पर सवाल उठे.
पश्चिम बंगाल में ममता की ताकत बरकरार
पश्चिम बंगाल की कालीगंज सीट पर तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने बड़ी जीत हासिल की. TMC की मुस्लिम उम्मीदवार ने बीजेपी को हराया, जिसने हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण की कोशिश की थी. ममता बनर्जी की ताकत उनके मुस्लिम और महिला वोट बैंक में निहित है, और इस जीत ने उनकी सियासी मजबूती को फिर से साबित किया. बीजेपी के लिए यह हार अगले साल के चुनावों से पहले एक बड़ा झटका है.
सियासी समीकरण में उलटफेर
इन उपचुनाव नतीजों ने साफ कर दिया है कि AAP और कांग्रेस अपनी जमीन बचाने और बढ़ाने में कामयाब रही हैं. अरविंद केजरीवाल को नई सियासी ताकत मिली है. प्रियंका गांधी ने केरल में अपनी पकड़ मजबूत की है. वहीं बीजेपी को गुजरात और बंगाल में करारी शिकस्त मिली है. यह नतीजे 2026 के विधानसभा चुनावों के लिए एक बड़ा संदेश दे रहे हैं.
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