बंगाल के बीजेपी नेता दिलीप घोष को राजनीति के मैदान में हमेशा आक्रामक तेवरों के लिए जाना जाता है. वह दिलीप घोष अब जिंदगी की सबसे सॉफ्ट लेकिन सबसे अहम जंग जीतने जा रहे हैं. प्यार और साथ की. पश्चिम बंगाल बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष 61 साल की उम्र में शादी करने जा रहे हैं, और उनके इस फैसले ने सभी को चौंका दिया है.
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लेकिन ये कहानी सिर्फ एक शादी की नहीं है. बल्कि एक ऐसे रिश्ते की है जो अकेलेपन, समझ और सहारे की जमीन पर खड़ा हुआ. रिंकू मजूमदार, जो खुद बीजेपी की सीनियर कार्यकर्ता रही हैं, दिलीप घोष की होने वाली पत्नी हैं, उन्होंने महिला मोर्चे, ओबीसी विंग और हथकरघा जैसे सेक्टर्स में पार्टी के लिए जिम्मेदारी निभाई है.
ऐसे हुई इस रिश्ते की शुरुआत...
रिश्ते की शुरुआत राजनीति की हार से हुई. 2019 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद जब दिलीप घोष थोड़े मायूस थे, तब रिंकू ने ही उन्हें साथ चलने का प्रस्ताव दिया. उन्होंने कहा, "हम दोनों ही अकेले हैं, क्यों न साथ मिलकर आगे का सफर तय करें?" शुरुआत में घोष ने मना कर दिया, लेकिन उनकी मां की इच्छा और अकेलेपन की सच्चाई ने उन्हें सोचने पर मजबूर कर दिया. धीरे-धीरे वह इस रिश्ते के लिए तैयार हुए और अब अपने न्यूटाउन स्थित आवास पर बेहद निजी समारोह में सात फेरे लेने जा रहे हैं.
रिंकू के साथ आईपीएल मैच देखने पहुंचे दिलीप घोष
रिंकू तलाकशुदा हैं और उनका एक बेटा है जो आईटी सेक्टर में काम करता है. पिछले दिनों दिलीप घोष, रिंकू और उनका परिवार कोलकाता के ईडन गार्डन में केकेआर का मैच देखने पहुंचे थे, जिसके बाद से चर्चाओं को हवा मिली.
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मां का सपना था बेटे की शादी
करीबी सूत्रों के मुताबिक, दिलीप घोष की मां हमेशा चाहती थीं कि बेटा घर बसाए. अब जब दिलीप पूरे राज्य में पार्टी के लिए प्रचार करते हैं, मां को चिंता रहती थी कि उनके पीछे कौन रहेगा. यह रिश्ता न सिर्फ दिलीप और रिंकू के लिए, बल्कि उनकी मां के लिए भी सुकून लेकर आएगा.
क्या मैं शादी नहीं कर सकता: दिलीप घोष
दिलीप घोष ने मीडिया से कहा, “क्यों, क्या मैं शादी नहीं कर सकता? क्या शादी करना अपराध है?” यह उनका वही तेज़ और सीधा अंदाज़ है, लेकिन इसके पीछे अब एक भावनात्मक परिपक्वता भी दिखती है. टीएमसी नेता कुणाल घोष और देबांगशु ने भी इस मौके पर उन्हें शुभकामनाएं दी हैं. राजनीति में भले मतभेद हों, लेकिन निजी खुशी के मौके पर सभी एकजुट दिखे.
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