Chhattisgarh First Phase Election 2023: छत्तीसगढ़ में पहले चरण के लिए प्रचार थम चुका है. 7 नवंबर को 20 सीटों पर वोटिंग होनी है. जिन 20 सीटों पर पहले चरण में चुनाव होने हैं वह नक्सल प्रभावित इलाके माने जाते रहे हैं. राज्य में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच है. लेकिन, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी ने अपनी पार्टी जनता कांग्रेस से करीब 80 सीटों पर अपने प्रत्याशियों को उतारकर कांग्रेस-बीजेपी को पशोपेश में डाल दिया है. पहले चरण की जिन 20 सीटों के लिए चुनाव होना है उनमें 7 जिले नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में हैं. बस्तर संभाग के सात जिलों की 12 सीटों पर वोट डाला जाने हैं वहीं अन्य चार जिलों की 8 सीटों पर भी वोटिंग होगी.
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कौन सी सीटों पर है नजर
अंतागढ़, (बस्तर संभाग) (ST)
अंतागढ़ से कांग्रेस ने रूप सिंह पोटाई को टिकट दिया है. रूप सिंह पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. वह 2015 में बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए थे. पोटाई का मुकाबला बीजेपी प्रदेश प्रमुख विक्रम उसेंडी से हैं. उसेंडी पहली बार 1993 में अविभाजित मध्यप्रदेश में विधायक बने थे. वह 2014 में कांकेस से सांसद भी रह चुके हैं. बीजेपी ने उन्हें 2019 में प्रदेश प्रमुख बनाया था. पिछले चुनाव में कांग्रेस के अनूप नाग ने विक्रम उसेन्डी को 13414 वोटों से मात दी थी. बीजेपी को जहां 36.3 फीसदी वोट मिले थे वहीं कांग्रेस के अनूप नाग ने 47.5 फीसदी वोट हासिल किए थे.
चित्रकोट, (बस्तर संभाग) (ST)
चित्रकोट सीट से राज्य कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के सामने बीजेपी के विनायक गोयल हैं. दीपक बैज इस समय बस्तर से कांग्रेस के सांसद हैं. वह पहली बार 2013 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने थे. 2018 के चुनाव में यहां से कांग्रेस के राजमन वेंजाम ने बीजेप के लछुराम कश्यप को 17770 वोटों से हराया था.
कोंटा, (बस्तर संभाग) (ST)
कोंटा सीट से कांग्रेस के कवासी लखमा और बीजेपी के सोयम मुका आमने-सामने हैं. कवासी लखमा वर्तमान भूपेश बघेल सरकार में आबकारी मंत्री हैं. वह कोंटा से लगातार 5 बार विधायक रह चुके हैं. सोयम मुका 2008 में बीजेपी में शामिल हुए थे. यह इनका पहला विधानसभा चुनाव है. 2018 के पिछले चुनाव में यहां से कवासी लखमा ने बीजेपी के धनीराम बरसे को 6709 वोट से हराया था. कांग्रेस के कवासी लखमा को 35 फीसदी तो बीजेपी के धनीराम बरसे को 27.6 फीसदी वोट मिला था.
दंतेवाड़ा, (बस्तर संभाग) (ST)
छवींद्र कर्मा कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा के बेटे हैं. पहली बार विधानसभा चुनाव लडेंगे. पूर्व में जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं. छविंद्र कर्मा का मुकाबला बीजेपी के चेतराम अरामे से है. चेतराम दंतेवाड़ा बीजेपी जिलाध्यक्ष हैं. 2018 के चुनावों में कांग्रेस के देवती कर्मा ने बीजेपी के ओजसवी भीम मंडवी को 2172 वोटों से हराया था.
कवर्धा, कबीरधाम
कवर्धा में मुख्य मुकाबला बीजेपी के विजय शर्मा और कांग्रेस से मो. अकबर के बीच है. मो. अकबर वह वर्तमान सरकार में वन मंत्री हैं. 2018 के चुनाव में उन्होंने बीजेपी के अशोक साहू को हराया था. मो. अकबर ने पिछला चुनाव कवर्धा सीट से सबसे ज्यादा मतों से जीता था. जीत का अंतर 59284 वोट का था. कांग्रेस को 56.6 फीसदी वोट मिले थे वहीं बीजेपी मात्र 32 फीसदी वोट हासिल कर पाई थी. कवर्धा में 2021 में सांप्रदायिक दंगे हो चुके हैं.
राजनांदगांव
राजनांदगांव पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह की पारंपरिक सीट मानी जाती है. उन्होंने 2018 में कांग्रेस की करुणा शुक्ला को 16933 वोटों से हराया था. रमन सिंह को जहां 51.6 फीसदी वोट मिले थे वहीं कांग्रेस की करुणा शुक्ला को 40.8 फीसदी वोट मिला था. रमन सिंह साल 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद से 2003, 2008 और 2013 का विधानसभा चुनाव जीते और मुख्यमंत्री रहे. इस बार उनके सामने मैदान में कांग्रेस के गिरीश देवांगन हैं. वह इस समय राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष हैं
बस्तर संभाग की इन सीटों पर भी रहेगी नजर
भानुप्रतापपुर (ST)
कांकेर (ST)
केशकाल (ST)
कोंडागांव (ST)
नारायणपुर (ST)
बस्तर (ST)
बीजापुर (ST)
जगदलपुर
अन्य चार जिलों की 6 सीटों पर भी नजर
पंडरिया
खैरागढ़
डोंगरगांव
खुज्जी
डोंगरगढ़ (SC)
मोहला-मानपुर (ST)
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