पूजा खेडकर पर UPSC का बड़ा एक्शन, छिनी अफसरी, अब कभी नहीं बन पाएंगी IAS-IPS

Pooja Khedkar: पूजा खेडकर पर आरोप लगाया गया कि प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी के रूप में उन्होंने उन सुविधाओं की मांग की, जिनकी वे हकदार नहीं थीं. इसके अलावा उन पर एक वरिष्ठ अधिकारी के चैंबर पर कब्जा करने का भी आरोप है.

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News Tak Desk

• 05:30 PM • 31 Jul 2024

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Pooja Khedkar: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर पर एक्शन लेते हुए उनकी अस्थायी उम्मीदवारी को रद्द कर दिया है. इसके अलावा खेडकर पर भविष्य में होने वाली किसी भी परीक्षा में शामिल होने पर रोक लगाई गई है. खेडकर के तमाम दस्तावेजों की जांच के आधार पर यूपीएससी ने खेडकर को सीएसई-2022 नियमों के उल्लंघन करने का दोषी पाया.

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UPSC ने पहले ही इस एक्शन के संकेत दिए थे. हाल ही में यूपीएससी ने पूजा खेडकर के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया था. इस नोटिस में पूछा गया था कि क्यों न पूजा खेडकर की सिविल सेवा परीक्षा-2022 की उम्मीदवारी को रद्द किया जाए। यूपीएससी ने इस बाबत एफआईआर भी दर्ज कराई थी. 

15 साल के रिकॉर्ड खंगाले गए

पूजा खेडकर मामले की जांच के लिए यूपीएससी ने पिछले 15 साल के डेटा की समीक्षा की. इसके बाद सामने आया कि खेडकर का इकलौता केस था जिसमें यह पता नहीं लगाया जा सका कि खेडकर ने कितनी बार यूपीएससी का एग्जाम दिया. क्योंकि उन्होंने हर बार न केवल अपना नाम बल्कि अपने माता-पिता का नाम भी बदल लिया था.अब भविष्य में ऐसा न हो सके. इसके लिए यूपीएससी एसओपी को और मजबूत करने की तैयारी कर रही है.

झूठे प्रमाण पत्र पर क्या बोला UPSC

​​झूठे प्रमाणपत्र (विशेष रूप से ओबीसी और  PwBD श्रेणियां) जमा करने के सवाल पर यूपीएससी ने स्पष्ट किया कि वह केवल प्रमाणपत्रों की प्रारंभिक जांच करता है. यह जांचा जाता है कि क्या प्रमाण पत्र सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया है या नहीं. , प्रमाण पत्र की तारीख जैसी बुनियादी चीजें ही जांची जाती हैं. यूपीएससी ने स्पष्ट किया कि उम्मीदवारों द्वारा जमा किए गए हजारों प्रमाणपत्रों की सत्यता की जांच करने का उसके पास न तो अधिकार है और न ही साधन. 

कैसे लाइमलाइट में आईं पूजा खेडकर

पूजा खेडकर अपने शौक और सुविधाओं के लिए चर्चा में आई थीं. पूजा खेडकर पर आरोप लगाया गया कि प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी के रूप में उन्होंने उन सुविधाओं की मांग की, जिनकी वे हकदार नहीं थीं. इसके अलावा उन पर एक वरिष्ठ अधिकारी के चैंबर पर कब्जा करने का भी आरोप है. बताया गया है कि पूजा खेडकर ने अपनी निजी ऑडी कार में लाल बत्ती और ‘महाराष्ट्र सरकार’ के प्लेट लगवाई. 

इसके बाद मामले की जांच की गई तो पता चला कि उन्होंने यूपीएससी में सेलेक्शन पाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का भी इस्तेमाल किया था. इसके बाद उनपर जांच बैठ गई. उनका ट्रांसफर कर दिया गया. माता-पिता पर भी कई आरोप लगे. पूजा की मां का पिस्टल लहराते हुए वीडियो भी वायरल हुआ था.

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