DK शिवकुमार और सिद्धारमैया की ब्रेकफास्ट टेबल से हो गया बड़ा खेल!

कर्नाटक में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार की ब्रेकफास्ट मीटिंग से कांग्रेस सरकार का संकट फिलहाल शांत हो गया है, लेकिन सीएम पद को लेकर असली फैसला अभी भी हाईकमान के हाथ में है और कहानी पूरी तरह खत्म नहीं हुई.

कर्नाटक की सियासत में 'ब्रेकफास्ट पॉलिटिक्स'
कर्नाटक की सियासत में 'ब्रेकफास्ट पॉलिटिक्स'

कीर्ति राजोरा

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कर्नाटक की राजनीति में पिछले कई दिनों से चल रहा सियासी तूफान फिलहाल शांत पड़ता दिख रहा है. कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डी.के. शिवकुमार के बीच खींचतान की खबरों के बीच उनकी ब्रेकफास्ट मीटिंग की तस्वीर ने माहौल को एकदम बदल दिया है. दरअसल काफी लंबे वक्त के बाद ऐसा हुआ कि कांग्रेस में उठा कोई बड़ा संकट चुपचाप बैठ गया.

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हालांकि असली सवाल अभी भी वहीं है कि क्या डीके शिवकुमार कभी सीएम बनेंगे और अगर हां तो कब?

सिद्धारमैया vs डीके शिवकुमार

29 नवंबर को सिद्धारमैया के घर हुई पहली ब्रेकफास्ट मीटिंग ने संकेत दे दिया कि फिलहाल सीएम वही बने रहेंगे और डीके शिवकुमार को इंतजार करना पड़ेगा. दूसरी ब्रेकफास्ट मीटिंग का निमंत्रण डीके शिवकुमार ने दिया है, जिसमें सिद्धारमैया उनके घर पहुंचेगे. माना जा रहा है कि यह मुलाकात माहौल को और शांत कर सकती है.

यह पहली बार है जब किसी राजनीतिक तूफान को शांत करने के लिए खाने-पीने की कूटनीति अपनाई गई है.

हाईकमान का रोल

पूरी प्रक्रिया में राहुल गांधी या कांग्रेस हाईकमान का रोल सामने से नहीं दिखा, पर अंदरखाने से फैसले उन्हीं के बताए अनुसार लिए गए. दोनों नेताओं ने भी साफ कहा है कि वे हाईकमान के निर्णय का पालन करेंगे.

फिर भी कर्नाटक के अखबारों और राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि क्राइसिस खत्म नहीं, बस फिलहाल ब्रेक पर है.

क्यों बढ़ी थी हलचल?

कहानी की जड़ में था सीएम की कुर्सी को लेकर उठ रहा सवाल. कहा जाता है कि डीके शिवकुमार को ढाई साल बाद सीएम बनाने का वादा किया गया था, लेकिन उन्होंने सार्वजनिक रूप से कभी इसे खुलकर नहीं कहा.

वो केवल इतना कहते हैं, 'हाईकमान जैसा कहेगा वैसा करूंग. मुझे अपनी लिमिट पता है.' उनके बयान शांत हैं, लेकिन राजनीतिक गलियारों में यह बात भी घूम रही है कि डीके सिर्फ 'इंतजार करके चलने वाला रास्ता' अपना रहे हैं.

सीएम कब बदलेंगे? कई थ्योरी चर्चाओं में

कर्नाटक में अब तीन तरह की बातें चल रही हैं, 

1. संसद सत्र खत्म होने के बाद (19 दिसंबर) हाईकमान फैसला करेगा.
2. सिद्धारमैया अगर 37 दिन और सीएम रहे तो वे कर्नाटक के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड बना लेंगे.
3. मार्च में बजट पेश करने के बाद बदलाव हो सकता है. लेकिन किन अभी तक कोई आधिकारिक तारीख तय नहीं हुई है.

डीके शिवकुमार का प्लान क्या है?

इंडिया टुडे से बात करते हुए डीके शिवकुमार ने कहा कि वे जल्द दिल्ली जाकर केंद्रीय मंत्रियों से मिलने वाले हैं. बीजेपी और जेडीएस द्वारा लगाए जा रहे आरोपों पर उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह एकजुट है और कोई खींचतान नहीं चल रही. 

अगली ब्रेकफास्ट मीटिंग का मेन्यू पूछने पर उन्होंने मुस्कुराते हुए बस इतना कहा, 'नाटू चिकन… बाकी टेंशन मत लीजिए.'

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