राजस्थान बीजेपी की 83 कैंडिडेट्स की दूसरी सूची से क्या खुश हो गईं वसुंधरा?

दूसरी लिस्ट में 20 वसुंधरा समर्थकों के भी नाम शामिल हैं. लगता है कि बीजेपी समझ गई है कि राजस्थान में वसुंधरा के बिना पार पाना संभव नहीं है.

अपने समर्थकों को टिकट मिलने से खुश वसुंधरा

अपने समर्थकों को टिकट मिलने से खुश वसुंधरा

देवराज गौर

21 Oct 2023 (अपडेटेड: 23 Oct 2023, 08:20 AM)

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विधानसभा चुनाव 2023ः राजस्थान में बीजपी ने अपनी दूसरी सूची जारी कर दी है. 200 सदस्यीय विधानसभा के लिए बीजेपी कुल 124 नामों की घोषणा कर चुकी है. दूसरी सूची में कुल 83 उम्मीदवारों का नाम शामिल है. पहली सूची में 41 नाम शामिल थे. अब 76 उम्मीदवारों के नाम आने बाकी हैं. राजस्थान में बीजेपी ने मध्य प्रदेश की तर्ज पर सांसदों के नाम का ऐलान तो किया, लेकिन लगता है यहां दाल नहीं गली.विरोध के स्वर ऐसे फूटे कि दूसरी सूची में एक भी सांसद का नाम शामिल नहीं किया गया.

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दूसरी लिस्ट में 20 वसुंधरा समर्थकों के भी नाम शामिल हैं. लगता है कि बीजेपी समझ गई है कि राजस्थान में वसुंधरा के बिना पार पाना संभव नहीं है. लिस्ट की खास बात यह है कि 83 में से 51 नामों को फिर से रिपीट किया गया है. 8 विधायकों का नाम काटा गया है. पार्टी ने अपनी लिस्ट में जातीय समीकरणों का भी पूरा ध्यान रखा है. राजपूत, ब्राह्मण, जाट, दलित सभी वर्गों को टिकट दिया गया है.

83 नामों की सूची में क्या है खास

बीजेपी की दूसरी सूची में 10 महिलाओं को भी मौका दिया गया है. 10 अनुसूचित जाति और 15 अनुसूचित जनजाति के लोगों को भी शामिल किया गया है. वसुंधरा राजे अपनी परंपरागत झालरापाटन सीट से ही चुनाव लड़ेंगी. पूर्व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को आमेर से टिकट दिया गया है. कुछ दिन पहले ही पार्टी में शामिल हुईं ज्योति मिर्धा को नागौर से टिकट दिया गया है. विश्वराज सिंह मेवाड़ को नाथद्वारा से टिकट दिया गया है. वे कुछ दिन पहले ही बीजेपी में शामिल हुए थे. उनका मुकाबल विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी से होगा. वहीं नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की सीट बदल दी गई है. उन्हें चुरू की बजाय तारानगर से टिकट दिया गया है. वह तारानगर से पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं.

कुछ नाम जो हैं चर्चा में

कुछ चुनिंदा विधायकों को छोड़कर बाकी सभी विधायकों को रिपीट किया गया है. अशोक लाहोटी जो सांगानेर से विधायक थे, उनका टिकट काट दिया गया है. सूरसागर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तारीफ करने वाली सबसे उम्रदराज नेता सूर्यकांता व्यास का भी टिकट काट दिया गया है. नरपत सिंह राजवी, जिनके टिकट की वजह से खूब विरोध हुआ था, क्योंकि उनकी जगह दीया कुमारी को टिकट दिया गया था. उनको अब चित्तौड़गढ़ से टिकट दिया गया है. राजवी पहले भी चित्तौड़गढ़ से चुनाव लड़ चुके हैं.

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