लोकसभा चुनाव परिणाम आने से पहले ही BJP ने जीत ली सूरत की सीट! कैसे हुआ ये मुमकिन?

सूरत लोकसभा सीट के लिए नियुक्त रिटर्निंग ऑफिसर सौरभ पारधी ने कुंभाणी का पर्चा खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा कि, कुंभानी और पडसाला के जमा किए गए चार नामांकन फॉर्म खारिज कर दिए गया

BJP's Surat candidate Mukesh Dalal.
BJP's Surat candidate Mukesh Dalal.

अभिषेक

22 Apr 2024 (अपडेटेड: 22 Apr 2024, 04:24 PM)

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Surat Lok Sabha Seat: लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी का खाता खुल गया है. चुनाव में मतदान से पहले ही गुजरात के सूरत लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार मुकेश दलाल ने चुनाव जीत लिया है.  दरअसल सूरत की सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुंभाणी का नामांकन निरस्त होने के बाद ऐसा संभव हुआ. कांग्रेस उम्मीदवार के कुंभाणी के नामांकन फॉर्म में तीन प्रस्तावकों के हस्ताक्षर में गड़बड़ी को लेकर बीजेपी ने सवाल उठाए थे. फिर कुंभानी अपने तीन प्रस्तावकों में से एक को भी चुनाव अधिकारी के सामने पेश नहीं कर पाए, जिसके बाद रिटर्निंग ऑफिसर ने उनका नामांकन फॉर्म रद्द कर दिया गया. वहीं इस सीट के अन्य आठ निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी अपना नामांकन वापस ले लिया. जिसकी वजह से मुकेश दलाल निर्विरोध सांसद चुन लिए गए. 

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कैसे हुआ पर्चा निरस्त?

सूरत लोकसभा सीट के लिए नियुक्त रिटर्निंग ऑफिसर सौरभ पारधी ने कुंभाणी का पर्चा खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा कि, कुंभानी और पडसाला के जमा किए गए चार नामांकन फॉर्म खारिज कर दिए गए क्योंकि पहली नजर में प्रस्तावकों के हस्ताक्षरों में विसंगतियां पाई गईं और वे वास्तविक नहीं लगे. पारधी के आदेश में कहा गया है कि, प्रस्तावकों ने अपने हलफनामे में कहा कि, उन्होंने स्वयं फॉर्म पर हस्ताक्षर किए हैं. संयोग से कुम्भानी के तीन प्रस्तावक उनके रिश्तेदार थे. 

अन्य प्रस्तावकों के दावे के बाद रिटर्निंग ऑफिसर ने नीलेश कुंभानी को अपना जवाब दाखिल करने के लिए एक दिन का समय दिया था. कांग्रेस प्रत्याशी अपने अधिवक्ता के साथ चुनाव अधिकारी के पास आये, लेकिन उनके तीन प्रस्तावकों में से कोई नहीं आया. आदेश में यह भी कहा गया है कि, कांग्रेस उम्मीदवार के वकील के अनुरोध पर जांचे गए वीडियो फुटेज में भी हस्ताक्षरकर्ताओं की उपस्थिति नहीं पाई गई. 

प्रस्तावकों का अपहरण कर बेईमानी कर रही बीजेपी 

कांग्रेस उम्मीदवार के नीलेश कुंभाणी के नामांकन रद्द कर दिए जाने के बाद कांग्रेस ने सत्तारूढ़ बीजेपी पर बेईमानी का आरोप लगाया. इसके साथ यह भी दावा किया कि, हर कोई सरकार की धमकी से डरा हुआ है. कांग्रेस नेता और वकील बाबू मंगुकिया ने कहा कि कुंभानी के तीन प्रस्तावकों का अपहरण कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि, रिटर्निंग ऑफिसर को इसकी जांच करनी चाहिए न कि फॉर्म पर हस्ताक्षर किए गए हैं या नहीं. मंगुकिया ने कहा कि बिना टेली-चेक किए हस्ताक्षर और प्रस्तावक के हस्ताक्षर सही हैं या गलत, इसकी जांच किए बिना फॉर्म रद्द करना गलत है.

कांग्रेस अब इस मामले में कोर्ट में अपील करने की भी बात कह रही है. 

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