BJP के ईवीएम विरोध वाली खबर शेयर कर दिग्विजय सिंह ने उठाए EVM पर सवाल, 2009 में क्या हुआ था?

मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी का जीतना कांग्रेस को पच नहीं रहा है. चुनाव के नतीजों से से पहले इन दोनों राज्यों में पार्टी की स्थिति मजबूत मानी जा रही थी. लेकिन नतीजों ने सबको चौंका दिया.

Digvijay Singh
Digvijay Singh

अभिषेक

05 Dec 2023 (अपडेटेड: 05 Dec 2023, 09:31 AM)

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Assembly Election Results 2023: देश में अभी पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव सम्पन्न हुए. नतीजों में भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) की बल्ले-बल्ले रही. पार्टी ने 3 राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जीत हासिल की. राजस्थान में तो हर पांच साल में सरकार बदलने का रिवाज है लेकिन मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी का जीतना कांग्रेस को पच नहीं रहा है. चुनाव के नतीजों से से पहले इन दोनों राज्यों में पार्टी की स्थिति मजबूत मानी जा रही थी. ओपिनियन पोल से लेकर एग्जिट पोल तक सभी में कांग्रेस सरकार बनाते या बनाने के करीब दिख रही थी. लेकिन नतीजों ने सबको चौंका दिया है. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने EVM यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को लेकर सवाल उठाए हैं. उन्होंने EVM के खिलाफ बीजेपी के ही पुराने विरोध को आधार बनाते हुए ट्वीट किया है.

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क्या लिखा हैं दिग्विजय सिंह ने?

दिग्विजय सिंह ने एक ट्वीट को रीट्वीट किया है. यह ट्वीट कॉलमनिस्ट, जर्नलिस्ट रवि नायर का है. इसमें द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर का स्क्रीनशॉट दिया गया है. इसके शीर्षक में लिखा है कि ‘बीजेपी ने हार के लिए ईवीएम को जिम्मेदार ठहराया’. यह खबर इस न्यूज पोर्टल के वेबसाइट पर आज भी मौजूद है. असल में यह मामला 2009 में हुए महाराष्ट्र, हरियाणा और अरुणाचल प्रदेश के चुनाव का है.

तब EVM को लेकर क्या था बीजेपी का विरोध?

साल 2009 के लोकसभा चुनावों में लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में बीजेपी कांग्रेस से हार गई थी. इसके बाद हुए महाराष्ट्र, हरियाणा और अरुणाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. तब बीजेपी ने हार की एक वजह EVM को भी बताया बताया था. तब इन राज्यों में बीजेपी के चुनाव प्रभारी मुख्तार अब्बास नकवी ने EVM को ‘इलेक्ट्रॉनिक विक्ट्री मशीन बताया’ था. लोकसभा चुनाव में बीजेपी की हार के बाद वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने भी EVM की क्रेडिबिलिटी पर सवाल उठाया था. बीजेपी के मौजूदा राज्यसभा सांसद और तब के विश्लेषक जीवीएल नरसिम्हा राव ने 2010 में एक किताब भी लिखी थी, डेमोक्रेसी एट रिस्क! कैन वी ट्रस्ट आवर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन? इसमें भी ईवीएम पर सवाल उठाए गए थे.

बैलेट पेपर के रिकॉर्ड भी शेयर कर चुके हैं दिग्विजय सिंह

दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश में काउंटिंग से पहले दावा किया था कि कांग्रेस की 130 से कम सीट नहीं आएंगी. अब कांग्रेस की हार के बाद वह अपने हिसाब से कुछ तथ्य सामने लेकर आ रहे हैं. इसमें एक बैलट पेपर भी है. दिग्विजय सिंह ने बैलेट पेपर से दिए गए वोटों के रिकार्ड को शेयर करते हुए लिखा है कि,’इन आंकड़ों में से स्पष्ट है कि पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान में हमें यानी कांग्रेस को 199 सीटों पर बढ़त है. जबकि इनमें से अधिकांश सीटों पर ईवीएम काउंटिंग में हमें मतदाताओं का पूर्ण विश्वास न मिल सका. उन्होंने तंज कसते हुए लिखा कि जब ‘तंत्र’ जीतता है तो जनता (यानी लोक) हार जाता है.’

राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव ने दिग्विजय सिंह के इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘पोस्टल बैलट और EVM से होने वाले वोटों में क्या संबंध है इसपर मैंने कोई रिसर्च नहीं किया हैं, लेकिन मेरा मानना था कि बीजेपी पोस्टल बैलट वोटों में बेहतर प्रदर्शन करेगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. रिसर्चरों के लिए एक सवाल है कि क्या यह असामान्य नहीं है?’

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