Lakshadweep: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले लक्षद्वीप इंटरनेट पर भयंकर वायरल हुआ था. पीएम मोदी टूरिज्म करने लक्षद्वीप चले गए. बढ़िया-बढ़िया पोज देकर फोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया. मोदी की फोटो से लक्षद्वीप की खूबसूरती ऐसे चमकी कि लक्षद्वीप के समर्थन में मालदीव जैसे फॉरेन टूरिस्ट डेस्टिनेशन के खिलाफ मुहिम चल पड़ी.
ADVERTISEMENT
लक्षद्वीप में कांग्रेस की जीत
लक्षद्वीप को फॉरेन जैसा टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने की पॉलिटिक्स भयंकर फ्लॉप हुई. हवा मोदी बनाकर आए थे लेकिन वोट मिले कांग्रेस को. लक्षद्वीप में 2024 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस जीत गई. चुनाव जीतने का करिश्मा किया नौजवान नेता हमदुल्ला सईद ने. चुनाव जीतने के बाद हमदुल्ला सईद मिलने पहुंचे राहुल गांधी से. हालांकि लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी चुनाव प्रचार करने नहीं गए थे.
राहुल से मिलकर हमदुल्ला सईद ने पूरी कहानी बता दी कि कैसे लक्षद्वीप को बर्बाद किया जा रहा है. टूरिज्म के नाम पर जमीन हड़पने का खेल चल रहा है. कांग्रेस नेता कुछ बताते उससे पहले ही राहुल गांधी ने प्रफुल्ल पटेल पर शक जता दिया कि वही गड़बड़ कर रहे हैं. प्रफुल्ल खोड़ा पटेल लक्षद्वीप के प्रशासक हैं.
2021 में राहुल ने पीएम मोदी को की थी शिकायत
लक्षद्वीप पर राहुल गांधी की पहले से नजर रही है. केंद्र सरकार को रिपोर्ट करने वाले लक्षद्वीप के प्रशासक को लेकर काफी विवाद होते रहे हैं. 2021 में सागर का आभूषण बताते हुए राहुल गांधी ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर शिकायत की थी. आरोप लगाया कि सत्ता में बैठे अज्ञानी कट्टरपंथी इसे नष्ट कर रहे हैं. जनविरोधी नीतियों से द्वीप की पवित्रता नष्ट हो रही है. हमदुल्ला सईद ने राहुल को याद दिलाया कि राजीव गांधी ने जो काम किया था वो केंद्र सरकार के इशारे पर बिगाड़ा जा रहा है.
लक्षद्वीप केंद्रशासित प्रदेश है जहां से सिर्फ एक लोकसभा सांसद चुना जाता है. लक्षद्वीप कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. लोकसभा के डिप्टी स्पीकर रहे पी.एम सईद कांग्रेस के टिकट पर 1967 से 2004 तक कुल 10 चुनाव जीते. 2009 के चुनाव तक लक्षद्वीप में कांग्रेस जीतती रही लेकिन 2014 और 2019 के चुनाव में कांग्रेस की हार हुई. एनसीपी के मोहम्मद फैसल सांसद बने. पिछली लोकसभा में फैसल बहुत चर्चा में रहे क्योंकि मर्डर केस के चक्कर में उनकी संसद सदस्यता कई बार आती-जाती रही.
लक्षद्वीप से बीजेपी क्यों नहीं लड़ी चुनाव?
हमदुल्ला सईद ने कांग्रेस को हाथ से निकला किला वापस दिलाया. अब 45 साल के हो चुके हमदुल्ला सईद 26 साल की उम्र में पहली बार सांसद बने थे. 2009 वाली लोकसभा में वो सबसे कम उम्र के सांसद थे. 2005 में पीएम सईद के निधन के बाद कांग्रेस ने हमदुल्ला को विरासत सौंप दी. 2009 में तो हमदुल्ला ने सीट निकाल ली लेकिन 2014 और 2019 में लगातार दो बार हारे. फिर भी 2024 में कांग्रेस ने जूनियर सईद पर भरोसा जताया. रिटर्न गिफ्ट में हमदुल्ला सईद ने कांग्रेस की झोली में लक्षद्वीप सीट डाल दी.
मोदी के भयंकर प्रचार के बाद भी बीजेपी लक्षद्वीप सीट से नहीं लड़ी. एनडीए कोटे से सीट अजित पवार की एनसीपी ने लड़ी. इतना खराब रिजल्ट रहा कि लक्षद्वीप लोकसभा सीट पर एनसीपी उम्मीदवार को सिर्फ 201 वोट मिले. हालांकि 2019 में भी जब बीजेपी खुद लड़ी थी तब भी 125 वोट ही मिले थे.
ADVERTISEMENT