राजनीतिक गलियारे में इस बात की बहुत चर्चा रही है कि राहुल गांधी और पीएम मोदी के संबंध बहुत कूल-कूल नहीं हैं. दोनों संसद में होते हैं. लोकसभा में बिलकुल आमने-सामने बैठते हैं. कभी देखने-सुनने में नहीं आया कि दोनों हंसते-मुस्कुराते मिलत रहे हों. बीजेपी के बाकी नेताओं से भी राहुल बहुत खुलकर मिलते-जुलते नहीं दिखे.
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ये सब बातें इसलिए कि सरकार के बड़े मंत्री किरेन रिजिजू के साथ राहुल गांधी का एक वीडियो भयंकर वायरल हो रहा है. दोनों नेता संसद परिसर के किसी कोने में खड़े होकर एकदम कूल-कूल गपशप करते हुए दिखे. किरेन रिजिजू ने इंस्टाग्राम पर न केवल 20 सेकंड का वीडियो पोस्ट किया बल्कि एक कैप्शन भी डाला not enemies just political rivals. इसका मतलब रिजिजू कह रहे हैं कि दुश्मन नहीं हैं. सिर्फ राजनीतिक प्रतिद्धंदी हैं.
ये वाला कैप्शन राहुल-रिजिजू के वीडियो वायरल होने का एक और कारण बना. रिजिजू ने सवाल पूछा कि किसने इतनी दूरी से वीडियो शूट किया. उन्होंने अनुमान लगाया कि ये पायल मेहता हो सकती हैं. रिजिजू ने वीडियो पोस्ट पर लिखा ओरिजनल वीडियो. हालांकि दोनों की बातचीत बहुत साफ-साफ सुनाई तो नहीं दी.
15 दिन के अंदर दूसरी बार मिल रहे हैं दोनों नेता
किरेन रिजिजू संसदीय कार्य मंत्री हैं. वही हैं जो सरकार और विपक्ष के बीच सूत्र का काम करते हैं. विपक्ष के नेता के तौर पर सरकार को उनकी राय लेनी होती है. 15 दिन के भीतर दूसरा ऐसा वीडियो है जिसमें राहुल गांधी बीजेपी नेताओं के साथ बड़े कूल-कूल अंदाज में गपशप करते दिखे.
पिछला मौका आया था 14 अप्रैल को जब डॉ. आंबेडकर की जयंती के मौके पर संसद परिसर में आयोजित कार्यक्रम में राहुल गांधी मां सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे के साथ पहुंचे थे. कार्यक्रम में किरेन रिजिजू और अर्जुन राम मेघवाल मेजबान की भूमिका में थे. जैसे ही खरगे, सोनिया, राहुल आए तो दोनों एक्टिव हो गए कि कैसे वेलकम करें, कैसे बिठाएं.
सीएम रेखा गुप्ता से गपशप करते दिखे थे राहुल
पहले तो राहुल गांधी दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता के बगल में बैठकर काफी देर तक गपशप करते दिखे. लगा ही नहीं कि राहुल गांधी की किसी बड़े बीजेपी नेता से बातचीत हो रही है. उसी कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी पहुंचे. पहले तो एक वीडियो वायरल हुआ कि पीयूष गोयल की स्टेज पर एंट्री हुई तो राहुल गांधी ने भाव नहीं दिया. बाद में ऐसे भी वीडियो आया जिसमें राहुल गांधी और पीयूष गोयल के बीच खूब गप्पे-शप्पे हुईं. कोई टेंशन नहीं, कोई टकराव नहीं. बस ये पता नहीं लगा कि दोनों मिले तो किस मुद्दे पर क्या बात हुई.
22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में बड़ा आतंकी हमला हुआ. तब राहुल गांधी अमेरिका की यात्रा पर थे. हमले की खबर मिलने के बाद राहुल गांधी ने गृह मंत्री अमित शाह को फोन किया और घटना की जानकारी ली. इससे पहले अमित शाह और राहुल गांधी के बीच फोन पर किसी मुद्दे पर बात हुई हो, ऐसा ध्यान में नहीं आता. चूंकि अमित शाह गृह मंत्री हैं और राहुल गांधी विपक्ष के नेता इसलिए भी बातचीत का मतलब बनता था.
Breaking: पहलगाम हमले पर कांग्रेस नेताओं की बयानबाजी पर भड़के राहुल गांधी और खड़गे
गुडबिल जेस्चर रेयर रहे हैं
पहलगाम हमले को लेकर राहुल गांधी को सरकार ने विश्वास में लिया हुआ है. सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी तो नहीं गए लेकिन राहुल गांधी अमित शाह, राजनाथ सिंह, एस जयशंकर की बैठक में शामिल हुए. सरकार से सवाल भी पूछे. सरकार ने चूक भी मानी. तब से पहलगाम हमले को लेकर राहुल गांधी ने सॉफ्ट स्टैंड लिया हुआ है. सरकार के हर कदम पर साथ देने का वचन दे चुके हैं. खिंचाई नहीं कर रहे, कोई आलोचना नहीं कर रहे. कुछ नेता हैं जो अपने-अपने स्तर से सरकार के पक्ष या विपक्ष में बोल रहे हैं. हालांकि पार्टी ने बेकार की बयानबाजी करने वाले ऐसे नेताओं की भी खिंचाई शुरू कर दी है.
राहुल गांधी विपक्ष के नेता तो 2024 के लोकसभा चुनाव से बने लेकिन अघोषित विपक्ष के नेता तो 2014 से रहे हैं लेकिन बीजेपी नेताओं ने कभी इतने सम्मान से कभी राहुल को देखा नहीं. 10 साल से चल रही राहुल वर्सेज बीजेपी की लड़ाई में सौहार्द्रपूर्ण मुलाकातें, गुडबिल जस्चर रेयरेस्ट ऑफ रेयर रहे.
इसलिए हुआ बदलाव
ये सारा चेंज आया 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद. 10 साल में पहली बार कांग्रेस को विपक्ष का नेता पद मिला. राहुल गांधी विपक्ष के नेता की गद्दी पर बैठे. तब से बहुत कुछ बदल गया. ओम बिरला लोकसभा स्पीकर चुने गए तो परम्परा के मुताबिक सदन के नेता मोदी और विपक्ष के नेता राहुल गांधी आसन तक पहुंचाने गए. उसी मौके पर दोनों के बीच हैंड शेक भी हुआ. तब से पीएम मोदी और राहुल गांधी को औपचारिक रूप से सरकारी बैठकों में मिलना होता है लेकिन ऐसी मुलाकातें कैमरों से दूर बंद कमरों में होती रहीं.
ये सब देखने में अच्छा भी लगा और थोड़ा अजीब भी. ज्यादा दिन पुरानी बात नहीं है कि राहुल गांधी और सरकार की लड़ाई नए सिरे से तेज हुई. ईडी ने नेशनल हेराल्ड केस की जांच तेज की है जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी आरोपी बनाए गए हैं. अभी क्लियर नहीं है कि ईडी राहुल, सोनिया के केस में किस लेवल तक जाएगी.
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