Delhi Election: दिल्ली विधानसभा चुनाव के तहत 5 फरवरी को मतदान संपन्न हुआ, जिसके बाद विभिन्न एजेंसियों ने एग्जिट पोल जारी किए हैं. इन सर्वेक्षणों में दिल्ली की सियासत में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं. MATRIZE के एग्जिट पोल के अनुसार, दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच कड़ी टक्कर देखी जा रही है, जहां बीजेपी को मामूली बढ़त मिलती नजर आ रही है. अनुमान के मुताबिक, AAP को 32 से 37 सीटें, जबकि बीजेपी को 35 से 40 सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है. वहीं, कांग्रेस को एकमात्र सीट मिलने का अनुमान है.
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संदीप दीक्षित ने उठाए एग्जिट पोल्स पर सवाल
एग्जिट पोल्स के ये रुझान सामने आने के बाद कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, "अगर इन अनुमानों को मानें तो बीजेपी की सरकार बनती दिख रही है, लेकिन मेरा मानना है कि एग्जिट पोल्स आम आदमी पार्टी को वास्तविकता से अधिक कमजोर दिखा रहे हैं. मुझे नहीं लगता कि AAP का प्रदर्शन इतना खराब होगा."
उन्होंने आगे कहा कि एग्जिट पोल्स हमेशा सही नहीं होते, कई बार ये अनुमान वास्तविक नतीजों से अलग होते हैं. उन्होंने कहा, "अगर केवल एग्जिट पोल्स को आधार बनाकर बात करें, तो मुझे नहीं लगता कि इसमें दिल्ली की असली तस्वीर दिखाई गई है. मतदाता प्रतिशत भी बहुत अधिक नहीं रहा, इसलिए 8 फरवरी को जब नतीजे आएंगे, तभी वास्तविक स्थिति स्पष्ट होगी,"
किन सीटों पर सबकी नजर?
दिल्ली चुनाव में कुछ सीटें ऐसी हैं, जहां बड़े राजनीतिक दिग्गज आमने-सामने हैं और इनके नतीजे सभी के लिए अहम होंगे.
- नई दिल्ली सीट: यहां AAP के संयोजक अरविंद केजरीवाल, बीजेपी के प्रवेश वर्मा, और कांग्रेस के संदीप दीक्षित आमने-सामने हैं. यह सीट सबसे हाई-प्रोफाइल मानी जा रही है.
- पटपड़गंज सीट: यहां AAP के अवध ओझा, बीजेपी के रविंदर सिंह नेगी और कांग्रेस के अनिल चौधरी के बीच कड़ा मुकाबला है.
- रोहिणी सीट: यहां AAP के प्रदीप और बीजेपी के विजेंद्र गुप्ता के बीच जोरदार टक्कर है.
- कालकाजी सीट: यहां AAP की आतिशी, बीजेपी के पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी, और कांग्रेस की अलका लांबा के बीच त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिल रहा है.
- जंगपुरा सीट: इस सीट से AAP के मनीष सिसोदिया, बीजेपी के सरदार तरविंदर सिंह मारवाह, और कांग्रेस के फरहाद सूरी चुनावी मैदान में हैं.
अब सभी की नजर 8 फरवरी को आने वाले नतीजों पर टिकी है, जो तय करेंगे कि दिल्ली की सत्ता किसके हाथ में जाएगी.
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