MSP पर किसानों और सरकार के बीच नहीं बनी बात, 21 फरवरी से किसान करेंगे दिल्ली कूच: पंढेर

किसान नेता पंढेर ने कहा कि, ‘हम सरकार से अपील करते हैं कि या तो वो हमारे मुद्दों को हल करे या बैरिकेड हटा दे और हमें शांतिपूर्वक विरोध करने के लिए दिल्ली जाने की अनुमति दें.’

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अभिषेक

• 06:34 AM • 20 Feb 2024

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Kisan Andolan: MSP यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी सहित कई मांगों को लेकर किसान दिल्ली कूच पर निकले हुए है. किसानों के जत्थे को हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर पर रोका गया है. सरकार भी किसानों से उनकी मांगों को लेकर लगातार बैठकें कर रही है. अबतक तीन से ज्यादा बार किसानों की मीटिंग केंद्र सरकार के मंत्रियों के साथ हो चुकी है. ऐसी ही एक मीटिंग बीते दिन चंडीगढ़ में हुई. मीटिंग में केन्द्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय मौजूद थे. वहीं किसानों की तरफ से उनके उनके प्रतिनिधि शामिल हुए. इस मीटिंग के बाद किसान नेताओं ने एक प्रेस कांफ्रेंस किया और इस बात की घोषणा की कि, किसान और सरकार के बीच हुई बातचीत विफल रही और किसान 21 फरवरी को दिल्ली कूच करेंगे. आइए आपको बताते हैं मीटिंग में किस बात पर हुई चर्चा और अब आगे किसानों की क्या है प्लानिंग.

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सरकार के प्रस्ताव में किसानों के लिए कुछ भी नहीं: किसान नेता डल्लेवाल

बीती रात किसानों की हुई प्रेस कांफ्रेंस में किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने बताया कि, सरकार ने जो प्रस्ताव दिया है अगर उसका नाप तोल किया जाए, तो उसमे कुछ नजर नहीं आ रहा है. उन्होंने कहा कि, सरकार ने पांच साल तक दाल, मक्का और कपास की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य(MSP) पर खरीद का प्रस्ताव रखा था. इस तरह जो किसान फसलों में विविधता करेंगे यानी जो धान छोड़कर मूंग की फसल लगाएंगे उन्हीं को MSP की गारंटी मिलेगी. हमने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया क्योंकि यह किसानों के हित में नहीं है.

किसानों के मुद्दों को लेकर सिरियस नहीं है सरकार: पंढेर

किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंढेर ने पत्रकारों से कहा कि, ‘हमने सरकार के प्रस्ताव को रद्द कर दिया हैं. प्रस्ताव के मुताबिक अगर कोई दालें नहीं उगा रहा है वो उस प्रस्ताव में आएगा ही नहीं. उन्होंने कहा, मीटिंग में सरकार ने चाल चलने का काम किया है, सरकार की नियत में खोट है. अगर नियत साफ होती तो ऐसा नहीं करते. सरकार MSP कि गारंटी का कानून 23 फसलों पर बनाकर दे और जो फसले बचेंगी उसपर स्टडी करके उसपर भी दे. हमने विचार विमर्श करके बता दिया कि, इस प्रस्ताव को रिजेक्ट करते हैं. C2+50 का फॉर्मूला पर सरकार क्या कर रही है? कर्ज माफी पर? मनरेगा मजदूरी पर? सरकार के मंत्रियों से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि पहले इस प्रस्ताव पर बात करिए.

पंढेर ने कहा कि, ‘हम सरकार से अपील करते हैं कि, या तो वो हमारे मुद्दों को हल करे या बैरिकेड हटा दे और हमें शांतिपूर्वक विरोध करने के लिए दिल्ली जाने की अनुमति दें.’ उन्होंने बड़ी बात ये कही कि, मंत्री जी मीटिंग में कुछ और बात करते हैं और बाहर आकर कुछ और कहते हैं. हमें लगता हैं कि, सरकार सीरियस ही नहीं है. उन्होंने बताया किसान 21 तारीख को 11 बजे दिल्ली कूच करेंगे. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि, हम बातचीत के लिए हमेशा तैयार है.

किसानों की क्या-क्या है प्रमुख मांगे?

सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP की गारंटी दे.
किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमे रद्द किए जाए.
सरकार किसानों के कर्जे को पूरा माफ करें.
किसानों के साथ खेतिहर मजदूरों को पेंशन की व्यवस्था की जाए.
लखीमपुर खीरी में किसानों पर हुए अत्याचार के दोषियों को सजा दी जाए और किसानों को मुआवजा दिया जाए.

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