Jammu-Kashmir Lok Sabha Election: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के विपक्ष के इंडिया (INDIA) गठबंधन से बाहर निकलने के ऐलान के कुछ दिनों बाद अब कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस से संपर्क साधा है. कांग्रेस की तरफ से लोकसभा चुनाव के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की छह में से तीन सीटों की पेशकश की गई है. जानकारी के मुताबिक कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस को 3-3 सीट शेयरिंग फॉर्मूले का प्रस्ताव दिया है. शुक्रवार को पार्टी उपाध्यक्ष और पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला के साथ इस पर चर्चा होने की संभावना है.
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अगर यह फॉर्म्युला काम कर गया, तो इसका मतलब यह होगा कि महबूबा मुफ्ती की पीडीपी को इसमें कोई जगह नहीं मिलेगी. मौजूदा स्थिति को देखें तो पीडीपी भी INDIA ब्लॉक का एक घटक है.
फारूक अब्दुल्ला ने दिखाई थी नाराजगी
यह ताजा घटनाक्रम नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला के उस बयान के कुछ दिनों बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि पार्टी अपने दम पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी. INIDA गठबंधन में सीट शेयरिंग में हो रही देरी पर उन्होंने नाराजगी दिखाई थी. साथ में फारूक अब्दुल्ला ने संकेत दिया था कि वह भविष्य में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में फिर से शामिल हो सकते हैं. अब्दुल्ला ने 15 फरवरी को कहा था, “जहां तक सीट बंटवारे का सवाल है, मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि नेशनल कॉन्फ्रेंस अपने बल पर चुनाव लड़ेगी. इसमें कोई दो राय नहीं है.”
हालांकि, तब उनके इस बयान के कुछ घंटों बाद ही उमर अब्दुल्ला ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस इंडिया ब्लॉक के लिए प्रतिबद्ध है. उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर में कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे की संभावना से इनकार कर दिया था. एनसी ने 2019 के चुनावों में कश्मीर की सभी तीन लोकसभा सीटें जीती थीं. अब्दुल्ला ने कहा था कि उनकी पार्टी जम्मू क्षेत्र की दो सीटों और लद्दाख की एक सीट पर समझौते के लिए तैयार है. ये तीनों सीटें अभी बीजेपी के पास हैं.
पीडीपी के भी इंडिया ब्लॉक छोड़ने की चर्चा
इसी तरह एक नई चर्चा सोमवार को तब छिड़ गई थी जब कुछ मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया कि पीडीपी ने इंडिया ब्लॉक छोड़ दिया है और लोकसभा चुनाव में अकेले उतरेगी. हालांकि, महबूबा मुफ्ती की पार्टी ने इन खबरों को खारिज करते हुए कहा कि वह गठबंधन की एकता के लिए प्रतिबद्ध हैं. पीडीपी ने एक्स पर किए एक पोस्ट में लिखा था INDIA गठबंधन के साथ संबंध तोड़ने वाली खबरें मनगढ़ंत हैं.
(रिपोर्ट: मौसमी सिंह, इंडिया टुडे).
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