'आधी आबादी भारतीय..बिहार-यूपी से गहरा कनेक्शन': त्रिनिदाद और टोबैगो यात्रा के पीछे क्या है पीएम मोदी का मकसद!

PM Modi Trinidad Tobago Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी पांच देशों की यात्रा के दूसरे पड़ाव के लिए गुरुवार को त्रिनिदाद और टोबैगो पहुंच गए. यह प्रधानमंत्री मोदी की कैरिबियाई देश की पहली द्विपक्षीय यात्रा है और 1999 के बाद किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली आधिकारिक यात्रा है.

PM Modi Trinidad Tobago Visit
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ललित यादव

• 09:17 AM • 04 Jul 2025

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PM Modi Trinidad Tobago Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी पांच देशों की यात्रा के दूसरे पड़ाव के लिए गुरुवार को त्रिनिदाद और टोबैगो पहुंच गए. पीयार्को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर त्रिनिदाद और टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर ने अपने 38 मंत्रियों और चार सांसदों के साथ पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया. इस अवसर पर पीएम मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया.

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यह प्रधानमंत्री मोदी की कैरिबियाई देश की पहली द्विपक्षीय यात्रा है और 1999 के बाद किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली आधिकारिक यात्रा है. यह दौरा त्रिनिदाद की पीएम के निमंत्रण पर हो रहा है, जो दोनों देशों के बीच बढ़ते कूटनीतिक संबंधों को दर्शाता है.

उत्साह का माहौल

पोर्ट ऑफ स्पेन स्थित भारतीय उच्चायोग ने X (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा कर पीएम मोदी का स्वागत किया. उच्चायोग ने लिखा, "त्रिनिदाद और टोबैगो में आपका स्वागत है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी!"

यात्रा से पहले, भारत के त्रिनिदाद और टोबैगो में उच्चायुक्त प्रदीप सिंह राजपुरोहित ने बताया कि त्रिनिदाद और टोबैगो के लोग और सरकार दोनों भारत के साथ गहरे सहयोग की इच्छा रखते हैं. उन्होंने कहा, "लोगों में बहुत उत्साह है. हर कोई इस यात्रा का इंतजार कर रहा है." राजपुरोहित ने बताया कि त्रिनिदाद और टोबैगो में भारत के साथ दीर्घकालिक और व्यापक साझेदारी की तीव्र इच्छा है.

क्या है यात्रा के मायने?

प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा के दौरान पिछले साल गुयाना में आयोजित दूसरे भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन के दौरान रखी गई नींव पर आगे बढ़ा जाएगा. चर्चा के प्रमुख क्षेत्रों में कृषि, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, फार्मास्यूटिकल्स और नवीकरणीय ऊर्जा शामिल हैं. 

प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा 2 से 9 जुलाई तक चलने वाले पांच देशों के दौरे का हिस्सा है. त्रिनिदाद और टोबैगो में उनकी यह यात्रा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों और डिजिटल फाइनेंस, हेल्थ, आईटी और इनोवेशन एनर्जी के क्षेत्रों में सहयोग को लेकर नई दिशा मिलने की उम्मीद है.

UPI अपनाने वाला पहला कैरिकॉम देश

त्रिनिदाद और टोबैगो कैरिकॉम क्षेत्र का पहला देश है, जिसने भारत के प्रमुख यूपीआई प्लेटफॉर्म को अपनाया है. इसकी कार्यान्वयन प्रक्रिया जारी है. यह यात्रा डिजिटल वित्त, नवीकरणीय ऊर्जा, स्वास्थ्य और आईटी जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण होगी.

भारतीय मूल के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री

त्रिनिदाद और टोबैगो की 40% से ज़्यादा आबादी भारतीय मूल की है, जिनमें राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू और प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर भी शामिल हैं. यात्रा के दौरान बड़े प्रवासी संपर्क कार्यक्रम की भी योजना बनाई गई है, ताकि कैरिबियाई देश के साथ संबंधों को और मजबूती मिल सके.

प्रधानमंत्री मोदी त्रिनिदाद और टोबैगो की संसद के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे. इस यात्रा के ज़रिए कैरिकॉम और स्मॉल आइलैंड डेवलपिंग स्टेट्स में अहम देश के साथ भारत की साझेदारी को मजबूत करना है.

बिहार और यूपी से गहरा कनेक्शन

त्रिनिदाद और टोबैगो एक ऐसा कैरिबियाई द्वीप देश है जो अपनी सांस्कृतिक विविधता और प्राकृतिक सुंदरता के लिए दुनिया भर में मशहूर है. भारतीय मूल की बड़ी आबादी के साथ यहां के ज़्यादातर लोग भोजपुरी बोलते हैं, क्योंकि उनकी जड़ें बिहार और उत्तर प्रदेश से जुड़ी हैं. यहां छठ, होली, दिवाली और गणेश चतुर्थी जैसे त्योहार धूमधाम से मनाए जाते हैं. रामलीला जैसे उत्सव भी भोजपुरी परंपराओं से प्रेरित हैं, जो भारतीय संस्कृति से जुड़ाव की कहानी बयां करते हैं.

कैरिबियन क्षेत्र में त्रिनिदाद और टोबैगो एक प्रमुख आर्थिक केंद्र होने के साथ-साथ तेल और प्राकृतिक गैस के मामले में भी काफी समृद्ध है. पर्यटन के लिहाज से यहां के खूबसूरत समुद्र तट और कोरल रीफ लोगों का ध्यान आकर्षित करते हैं.

'गिरमिटिया' मजदूरों की विरासत

19वीं सदी में ब्रिटिश उपनिवेशवादी शासन के तहत गुलामी खत्म होने के बाद, श्रम की कमी को पूरा करने के लिए भारत से मजदूरों को त्रिनिदाद लाया गया था. 1845 से 1917 के बीच करीब डेढ़ लाख भारतीय मजदूर त्रिनिदाद आए, जिन्हें 'गिरमिटिया' मजदूर कहा जाता था. इनमें से ज़्यादातर उत्तर प्रदेश और बिहार से थे और भोजपुरी बोलते थे. इन मजदूरों को मुख्य तौर पर चीनी और कोको के बागानों में काम करने के लिए लाया गया था. समय के साथ इस समुदाय ने देश के विकास में योगदान दिया और अपनी आर्थिक व सामाजिक स्थिति मजबूत की.

त्रिनिदाद और टोबैगो की कुल आबादी लगभग 14 लाख है, जिनमें से तीन से चार लाख लोग ऐसे हैं जो भोजपुरी बोलते हैं. हालांकि पलायन के इतने वर्षों बाद आज भोजपुरी भाषा का इस्तेमाल कम हो गया है और भारतीय मूल के लोग अब अंग्रेजी या स्थानीय क्रेओल भाषा बोलते हैं, फिर भी भोजपुरी संस्कृति का असर वहां के गीतों, लोक कथाओं और परंपराओं में देखने को मिलता है.

भारतीय समुदाय का राजनीतिक प्रभाव

भारतीय मूल के नेताओं का त्रिनिदाद और टोबैगो की राजनीति में काफी अहम योगदान रहा है. बासदेव पांडे देश के पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री थे, जो 1995 से 2001 के बीच दो बार इस पद पर रहे. मौजूदा प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर भी भारतीय मूल की हैं और उन्होंने अप्रैल में यूनाइटेड नेशनल कांग्रेस पार्टी की तरफ से चुनाव जीतकर पद संभाला है. वह इससे पहले 2010 से 2015 तक त्रिनिदाद और टोबैगो की प्रधानमंत्री रह चुकी हैं.

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